कोरोना के बढ़ते मामलो पर योगी बोले चिंता की बात नहीं

समाचार मंच प्रतिनिधि

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है। 29 मई 2025 तक, राज्य में कुल 40 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, राजधानी लखनऊ में भी पिछले दो दिनों में दो मामले सामने आये हैं। इसके अलावा फिरोजाबाद जिले में एक व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हुई है । नोएडा और गाजियाबाद जैसे जिलों में भी नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं। गाजियाबाद में 4 और नोएडा में एक नया मामला रिपोर्ट किया गया है ।सीएम ने बुधवार को कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन 1 के मद्देनजर यूपी के हालात की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकार कोविड समेत सभी संभावित स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार एवं प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह सजग और सक्षम है।

सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि केंद्र ने कोविड-19 को लेकर कोई नई अडवाइजरी जारी नहीं की है, फिर भी थाईलैंड, सिंगापुर और हॉन्ग-कॉन्ग जैसे देशों में संक्रमितों की संख्या में हुई वृद्धि को देखते हुए प्रदेश में निगरानी आवश्यक है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा है कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन सतर्कता आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल अलर्ट मोड पर रहें तथा आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए । देशभर में, मई 2025 तक, कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 1047 तक पहुंच गई है, जिसमें 11 मौतें हुई हैं। केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं ।

हालांकि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है,स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकार ने लोगों से सतर्क रहने, मास्क पहनने, हाथ धोने और भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी है। भारत में मई 2025 के अंत तक कोविड मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे सरकार और वैज्ञानिक दोनों सतर्क हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्कता और सावधानी आवश्यक है। केद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में सामने आ रहे अधिकांश कोविड मामले हल्के लक्षणों वाले हैं और मरीजों का इलाज घर पर ही संभव हो रहा है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि नया वैरिएंट पिछले वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक या घातक नहीं है।

कोरोना के बढ़ते मामलों के लेकर केन्द्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी सतर्क हैं।  दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और नियमित हाथ धोने जैसे उपायों की सिफारिश की है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (के प्रमुख ने कहा है कि मामलों में वृद्धि चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि अधिकांश मामले हल्के हैं और गंभीर मामलों की संख्या कम है। उन्होंने यह भी बताया कि नए वैरिएंट्स जैसे एनबी.1.8.1 और एलएफ .7 की संक्रामकता और घातकता पहले के ओमिक्रॉन वैरिएंट्स से कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के नये वैरियंट के चलते सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्यूनिटी) समय के साथ कमजोर हो सकती है, जिससे हल्के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, सतर्कता और सावधानी बरतना आवश्यक है।सरकार और वैज्ञानिकों दोनों का मानना है कि वर्तमान स्थिति घबराने की नहीं है, लेकिन सतर्कता और सावधानी बरतना आवश्यक है। यदि आप या आपके आसपास के किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत परीक्षण करवाएं और आवश्यक सावधानियां अपनाएं।

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