शेल कंपनियों पर योगी का प्रहार, कर चोरी रोकने को कसेगा शिकंजा

सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कर संग्रह में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और प्रभावी प्रवर्तन की नीति अपनाई जाए। शेल कंपनियों और अवैध रूप से पंजीकृत फर्मों के खिलाफ अभियान चलाकर ऐक्शन लें। कर चोरी व्यापारियों की सुविधाओं में सेंध लगाने का अक्षम्य प्रयास है। इसमें जवाबदेही हर हाल में तय होनी चाहिए।शनिवार को अपने सरकारी आवास पर राज्य कर विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि कर चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है। इससे राज्य की विकास योजनाओं और लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। GST उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है, इसलिए जहां अधिक जनसंख्या है, वहां से अपेक्षाकृत अधिक कर प्राप्त होना स्वाभाविक है। ऐसे जोन जहां कर संग्रह औसत से कम है, वहां विशेष रणनीति बनाकर कार्य किए जाएं।

संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र को भेजें
योगी ने कहा कि सेंट्रल GST के तहत रजिस्टर्ड संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र को भेजी जाए, ताकि उनका पंजीकरण निरस्त हो सके। स्टेट GST के अंतर्गत पंजीकृत फर्मों की विभागीय स्तर पर गहन जांच की जाए। अनियमितता मिलने पर फर्म का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर FIR दर्ज की जाए। सभी नई पंजीकृत फर्मों का स्थलीय निरीक्षण भी करें। जिन क्षेत्रों में कर संग्रह की स्थिति कमजोर है, वहां के अडिशनल, जॉइंट और डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी व्यापारियों से संवाद करें।

कम कलेक्शन वाले जोन की होगी समीक्षा
बैठक में बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य है। इसके अनुपात में अप्रैल-मई में अब तक 18,161.59 करोड़ रुपये GST और वैट के तौर पर मिले हैं। लखनऊ, अयोध्या, बरेली, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर सहित लगभग 14 जोन में 60% या इससे अधिक लक्ष्य हासिल हुआ है। सीएम ने वाराणसी जोन-प्रथम, प्रयागराज, कानपुर जोन-द्वितीय, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे जोन में 50% से कम कर संग्रह की तत्काल व्यापक समीक्षा के निर्देश दिए।

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