अजय कुमार,लखनऊ
मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल बजट के दूसरे सत्र में पास करा सकती है। संसद का दूसरा बजट सत्र 10 मार्च से शुरू हो रहा है। 31 सदस्यीय पैनल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर कई बैठकें की और इस पर सुनवाई हुई. उसके बाद प्रस्तावित कानून में कई संशोधन सुझाए गए थे. हालांकि विपक्षी सदस्यों ने जेपीसी की रिपोर्ट से असहमति जताई थी और अपने असहमति नोट प्रस्तुत किए थे.नये संशोधन के बाद अब किसी भी सम्पति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार अब जिलाधिकारी को ही मिलेगा। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में 14 अहम बदलावों के साथ वक्फ संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा।
इससे सबसे अधिक फायदा उत्तर प्रदेश के मिलेगा,यूपी में वक्फ संपत्ति को लेकर होने वाले विवादों की संख्या करीब एक लाख 32 हजार है। यूपी में वक्फ संपत्ति को लेकर काफी विवाद काफी पुराने-पुराने हैं। स्थिति यह है कि वक्फ बोर्डों के रिकॉर्ड में कुल 132140 संपत्तियां वक्फ के रूप में दर्ज हैं। लेकिन, इनमें से तहसील रिकॉर्ड में महज 2528 संपत्तियों का ही वक्फ के तौर पर नामांतरण हुआ है। जबकि, किसी भी संपत्ति के वक्फ होने पर उसका राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण (म्युटेशन) जरूरी है।सूत्रों के मुताबिक, संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ एक्ट में जो संशोधन सुझाए हैं, उनमें किसी संपत्ति को वक्फ घोषित करने का अंतिम अधिकार संबंधित जिलाधिकारी को होगा। वक्फ बोर्ड सिर्फ अपनी संस्तुति जिला प्रशासन को भेज सकेंगे।
जिलाधिकारी के सहमत होने पर ही उस संपत्ति को वक्फ के रूप में दर्ज किया जाएगा। इसमें जमीन के दस्तावेजों का 1952 के राजस्व रिकॉर्ड से मिलान करने के बाद ही निर्णय होगा। माना जा रहा है कि संसद के इसी सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल जाएगी।बता दें कि बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली वक्फ बिल की जेपीसी की रिपोर्ट 13 फरवरी को संसद में पेश की गई थी. यह बिल विपक्षी दलों के हंगामे और वॉकआउट के बीच पेश गई थी. वक्फ बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और इसके पंजीकरण को सुव्यवस्थित करना है. सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही वक्फ बिल को सत्र के दूसरे चरण में संसद में पेश किए जाने की संभावना है. संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलने की संभावना है.