वृंदावन के होली मेले में भी मुसलमानों पर बैन

होली हिंदुओं का एक पवित्र त्यौहार है। इस दिन के गिले शिकवे भूल कर दुश्मन भी गले मिल जाते हैं। रंगों की मस्ती में लोग झूमते हैं, लेकिन यही रंग यदि किसी मुस्लिम पर पड़ जाता है तो वह अपने आप को नापाक समझने लगता है। ऐसे में सवाल उठाता है कि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी मथुरा के वृंदावन में होली पर लगने वाले मेले में मुस्लिम समाज के आने और यहां दुकानें लगाने पर पाबंदी लगाने को गैर संवैधानिक क्यों समझ रहे हैं । मौलाना ने कहा कि मुसलमानों पर महाकुंभ में अखाड़ा परिषद ने पाबंदी लगाई थी। अब वृंदावन के मेले में इस तरह की घोषणा होने से देश में हिंदू-मुस्लिम एकता पर सवालिया निशान है। इस तरह के फैसले देश को आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर करते हैं।

शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि चंद फिरका परस्त ताकतें इस तरह का एलान करके मुसलमानों के खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं। मुसलमानों को आर्थिक तौर पर कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। मगर इस तरह की सोच रखने वालों के हौसले पस्त होंगे। हिंदू-मुसलमान मिलकर समाज में नफरत फैलाने और देश को कमजोर करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोलकर नाकाम करेंगे। भारत मिली जुली तहजीब और संस्कृति का नाम है। दुनिया में भारत की पहचान इसी तौर पर है कि ये एक ऐसा देश है जहां पर सभी धर्मों के मानने वाले लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। इसके उलट हिंदू पक्ष जानना चाहता है कि जब मुसलमान हिंदुओं को काफिर कहते हैं, मूर्ति पूजा को बुत परस्ती बता कर इसका विरोध करते हैं, मुसलमान के जिस अंग पर रंग पड़ जाता है उसे नापाक करार दे दिया जाता है तो उन्हें ऐसी जगह जाने से क्यों नहीं बचना चाहिए।हालांकि जो रोक की बात मौलाना कह रहे हैं उसका कोई प्रमाणिक आधार नहीं है, ना ही सरकार की तरफ से इस तरह की कोई रोक लगाई गई है।

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