अमेरिका ने भारत के कुछ उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने का फैसला किया, जिससे देश के ₹5.4 लाख करोड़ तक के निर्यात पर खतरा मंडरा रहा है। भारत से अमेरिका को ज्वेलरी और कपड़ों की भारी मांग थी, लेकिन टैरिफ के चलते इनकी मांग अब 70% तक घट सकती है। अमेरिका, भारत को बड़ा बाजार देता है, लेकिन नए टैरिफ से भारत के ज्वेलरी, कपड़े और अन्य सामान महंगे हो जाएंगे। नतीजतन, अमेरिकी कंपनियां चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे कम टैरिफ वाले देशों का रुख करेंगी, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और नौकरियों पर संकट आयेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस स्थिति में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए देश के उद्योग और निर्यातकों को नए बाज़ार तलाशने की सलाह दी। सरकार ने एक टास्क फोर्स बनाई है, जो निर्यातकों को सपोर्ट करेगी और टैरिफ कम करने के लिए अमेरिकी सरकार से बात करेगी।वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि डिजिटल, फार्मा, ऑटो और टेक्सटाइल सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित होंगे। इससे सेंसेक्स इंडेक्स पर भी सीधा असर पड़ेगा। सरकार अब आंतरिक मार्केट को सशक्त बनाने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने की रणनीति बना रही है। कुल मिलाकर, यह फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था और निर्यात इंडस्ट्री के लिए चुनौती बन गया है, जिससे देश के रोजगार और विदेशी निवेश पर गहरा असर पड़ सकता है।
वैष्णो देवी हादसा में 32 की मौत, राहत कार्य जारी
जम्मू के कटरा स्थित वैष्णो देवी धाम के रास्ते में हुए भयंकर लैंडस्लाइड ने देशभर में चिंता पैदा कर दी है। इस हादसे में मरने वालों की संख्या 32 हो गई है, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक, अचानक बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे, और सैकड़ों श्रद्धालु फंस गए। दमकल और सेना की टीम बचाव कार्य में लगी हुई हैं। जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने आपदा पीड़ितों के परिजनों को 9 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
रास्ते की खराब स्थिति पर बार-बार चेतावनी दी गई थी, बावजूद इसके प्रशासन ने आवश्यक कदम नहीं उठाए। घायल श्रद्धालुओं का कटरा के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। विशेष राहत दल, डॉग स्क्वैड और हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य को तेज कर रहे हैं। सरकार ने वैष्णो देवी यात्रा को फिलहाल रोक दिया है, और मार्ग की सुरक्षा की समीक्षा भी शुरू हो गई है। यह हादसा देश में पहाड़ी क्षेत्रों की यात्राओं के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी व यात्री सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
नक्सलवाद में बड़ी सलामी- 30 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। आज 30 नक्सलियों ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें से 20 नक्सलियों पर 81 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था।
सरकार की पुनर्वास योजनाओं और मुख्यधारा में लाने की कोशिशें रंग ला रही हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने कहा कि अब वे हथियार छोड़कर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं।
सरकार ने इन नक्सलियों को पुनर्वास और रोजगार का भरोसा दिया है। हाल के वर्षों में ऐसे आत्मसमर्पण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे स्थानीय इलाकों में शांति स्थापित की जा रही है।अब राज्य सरकार अगले चरण में अन्य बचे नक्सलियों को भी आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करेगी। सुरक्षा बलों ने इस घटनाक्रम को ऐतिहासिक बताया है। यह घटनाक्रम प्रदेश में शांति और विकास की ओर नए युग की शुरुआत का संकेत देता है।
पीएम मोदी और गृह मंत्री का असम दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जल्द ही असम राज्य के दौरे पर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कैबिनेट की बैठक में इस यात्रा की तैयारी पर चर्चा की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी 13 और 14 सितंबर को असम में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और स्थानीय लोगों से संवाद भी करेंगे।
इस दौरे का उद्देश्य असम में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और बॉर्डर सुरक्षा से जुड़ी नई योजनाओं को अमल में लाना है। मोदी सरकार, पूर्वोत्तर के विकास को प्राथमिकता दे रही है। दौरे के दौरान सांस्कृतिक आयोजनों के साथ-साथ युवा और महिला सशक्तिकरण पर भी चर्चा होगी। इससे राज्य में निवेश और नौकरियों के नए अवसर मिल सकते हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि पीएम की यात्रा से असम के सामाजिक और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
भारत ने 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए दावेदारी पेश की
देश के लिए गौरव की बात है कि भारत ने 2030 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए आधिकारिक दावेदारी पेश कर दी है। हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। खेल मंत्रालय ने कहा है कि भारत में बड़े खेल आयोजनों की मेज़बानी का अनुभव है। यदि मेजबानी मिलती है तो स्टेडियमों, खेल रंगभूमियों, और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा निवेश होगा।
इससे भारत के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका बढ़ेगा और देश की ब्रांडिंग भी होगी। प्रस्तावित शहरों में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद व भुवनेश्वर शामिल हैं। 31 अगस्त को दावेदारी की औपचारिक डेडलाइन है। भारत इस मौके का इस्तेमाल देश को खेल महाशक्ति बनाने के लिए कर रहा है। कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी से देश में खेलों की संस्कृति और टूरिज्म में भी जबरदस्त बढ़ोतरी की उम्मीद है।