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उत्तर प्रदेश के बरेली में 9 मार्च की रात को पुलिस ने एक बड़ी और योजनाबद्ध कार्रवाई की, जिसमें 300 पुलिसकर्मियों की टीम ने बरेली के अगरास और फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में ताबड़तोड़ छापेमारी कर 25 ड्रग्स सप्लायर और तस्करों को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए की गई थी। इस कार्रवाई ने नशा तस्करों के मंसूबों को तोड़ते हुए उनके बीच खलबली मचा दी है।
बरेली में ड्रग्स तस्करी का बढ़ता कारोबार
उत्तराखंड में मादक पदार्थों की तस्करी और उनके सप्लायर्स के लिए बरेली एक अहम केंद्र बन चुका है। उत्तराखंड पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद, बरेली में नशे के पदार्थों का तस्करी नेटवर्क तेजी से फैल रहा था। तस्कर यहां से स्मैक, हेरोइन, अफीम, डोडा और नशीले इंजेक्शंस जैसे पदार्थों को उत्तराखंड और अन्य राज्यों में सप्लाई करते थे। इस सबका खुलासा पुलिस की पूछताछ में हुआ, जिसमें पकड़े गए तस्करों ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई- एक विशेष योजना के तहत
उत्तराखंड पुलिस, विशेष रूप से ऊधम सिंह नगर पुलिस, ने बरेली में तस्करों का जाल तोड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार की थी। एसएसपी मणिकांत मिश्रा की अगुवाई में 9 मार्च की रात पुलिस टीम ने बरेली की ओर रुख किया। एसपी क्राइम निहारिका तोमर, एसपी सिटी उत्तम सिंह नेगी, और एसपी काशीपुर अभय सिंह के साथ पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने जिले भर के 300 पुलिसकर्मियों के साथ निजी और सरकारी वाहनों का इस्तेमाल करते हुए तस्करों पर कार्रवाई की योजना बनाई।
देर रात 2 बजे के बाद, पुलिस टीम ने बरेली के अगरास, फतेहगंज पश्चिमी और आस-पास के इलाकों में सटीक जानकारी के आधार पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। पुलिस ने सभी तस्करों को चारों ओर से घेर लिया और उन्हें धर दबोचा। इस कार्रवाई में 25 ड्रग्स सप्लायर और तस्कर पकड़े गए, जिनसे पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी।
कार्रवाई के परिणाम तस्करों के नामों का खुलासा
पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की, और अब तक कई तस्करों के नाम सामने आ चुके हैं, जिनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। इन गिरफ्तारियों के बाद बरेली के साथ-साथ उत्तराखंड के अन्य जनपदों के कई तस्करों के नाम सामने आए हैं, जिन्हें पुलिस अपनी अगली कार्रवाई में गिरफ्तार कर सकती है। इस कार्रवाई ने न केवल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर नशे के कारोबार को बड़ी चुनौती दी है, बल्कि तस्करों में भी हड़कंप मचा दिया है।
उत्तराखंड पुलिस की कड़ी रणनीति और तत्परता
उत्तराखंड पुलिस की यह कारवाई एक सख्त संदेश देती है कि राज्य सरकार नशे के कारोबार के खिलाफ कोई भी कोताही नहीं बरतेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान के तहत यह कार्रवाई उत्तराखंड पुलिस की कड़ी रणनीति और तत्परता को दर्शाती है। पुलिस ने लगातार ड्रग्स तस्करों पर शिकंजा कसते हुए कई तस्करों को मुठभेड़ में भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, उत्तराखंड पुलिस ने कई मामलों में तस्करों के पैरों में गोली मारकर उन्हें धर दबोचा है, जिससे यह साबित हुआ है कि राज्य पुलिस किसी भी हाल में तस्करों को बचने का मौका नहीं देती।
आगे की योजना- और गिरफ्तारियां हो सकती हैं
अब तक की पूछताछ में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, और माना जा रहा है कि जल्द ही बरेली और उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में तस्करों की और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने यह जानकारी दी कि पकड़े गए तस्करों से और पूछताछ की जाएगी, ताकि इस पूरे रैकेट के जड़ तक पहुंचा जा सके। इस कार्रवाई के बाद उत्तराखंड पुलिस को यह विश्वास है कि उन्हें राज्य में नशे के कारोबार को पूरी तरह से खत्म करने में सफलता मिलेगी। बरेली में तस्करों के खिलाफ हुई यह कारवाई एक ठोस कदम है, जो राज्य सरकार की नशे के खिलाफ लड़ाई को एक नई दिशा देती है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से यह स्पष्ट हो जाता है कि दोनों राज्य सरकार और पुलिस किसी भी कीमत पर नशे के कारोबार को अपने इलाके में फैलने नहीं देगी। बरेली में हुई यह बड़ी छापेमारी न केवल नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कदम है, बल्कि यह पूरे उत्तर भारत में ड्रग्स तस्करी को समाप्त करने के लिए एक उदाहरण बन सकती है। पुलिस की यह सतर्कता और तत्परता निश्चित रूप से नशे के कारोबार को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।