हनुमानगढ़. विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिताओं से पहले शारीरिक शिक्षकों की योग्यता संबंधी सूचना एकत्र करने के आदेश पर विवाद पैदा हो गया है। शिक्षा विभाग जहां खेल प्रतियोगिताओं को और ज्यादा प्रोफेशनल व गुणवत्तापूर्ण ढंग से आयोजित कराने के लिए इसे जरूरी बता रहा है वहीं शारीरिक शिक्षक योग्यता संबंधी नए आदेश में तय मापदंडों पर आपत्ति जताते हुए इसे चहेतों को लाभान्वित करने का प्रयास बता रहे हैं। गौरतलब है कि विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिताओं का कार्यक्रम जारी हो गया है। खेलों के हिसाब से चार समूहों में प्रतियोगिताएं होंगी। प्रथम समूह की जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं ३० अगस्त से शुरू होगी।इसको लेकर शिक्षा विभाग शारीरिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर रखी है।
क्या है आदेश
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने सभी सीबीईओ से अधीनस्थ राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शारीरिक शिक्षकों से संबंधित सूचना मांगी है। इसमें शाशि से संबंधित खेल, प्रशैक्षणिक योग्यता जैसे एनआईएस, नेट, स्लेट, एमपीएड, खेल का स्तर जैसे जिला, राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय आदि सूचना दी जानी है। शाशि से संबंधित खेल व उसमें जिस स्तर की योग्यता होगी, उसी आधार पर खेल प्रतियोगिताओं में उनकी सेवाएं ली जाएंगी।
जता रहे आपत्ति
शारीरिक शिक्षक अजय स्वामी, जनक सिंह सहित कई जनों की आपत्ति है कि अधिकांश शाशि की योग्यता डीपीएड व बीपीएड है। जबकि सूचना संबंधी आदेश में यह कॉलम ही नहीं रखा गया है। सेवाकाल के आधार पर ही पहले की भांति शाशि की ड्यूटी लगे। क्याेंकि उनके पास अन्य से अधिक अनुभव है।
गुणवत्तापूर्ण आयोजन ही उद्देश्य
निदेशालय के आदेश पर शारीरिक शिक्षकों की खेल व उसमें योग्यता आदि की जानकारी जुटाई जा रही है। इसका उद्देश्य यह है कि खेल प्रतियोगिताओं के गुणवत्तापूर्ण आयोजन व संचालन के लिए योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की जा सके। -जितेंद्र बठला, डीईओ माध्यमिक मुख्यालय।