नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर चल रही चर्चा के दौरान विपक्ष को करारा जवाब दिया। अपने भाषण में, शाह ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार की कठोर नीति को रेखांकित किया और पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों के खात्मे की जानकारी साझा की। उनके बयान ने सदन में तीखी बहस को और गर्म कर दिया, जहां विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच कई बार तल्खी देखने को मिली।
पहलगाम हमले पर गृह मंत्री की संवेदना
अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए की। उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले के बाद मैंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। मैंने एक ऐसी महिला को देखा, जिसका वैवाहिक जीवन मात्र छह दिन पहले शुरू हुआ था और वह विधवा हो गई। यह दृश्य मैं कभी नहीं भूल सकता।” शाह ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने इस हमले को “नृशंस” बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों को उनके धर्म पूछकर मारा गया, जो अत्यंत निंदनीय है।
ऑपरेशन महादेव और आतंकियों का खात्मा
शाह ने लोकसभा को बताया कि पहलगाम हमले के तीनों आतंकियों को सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान ‘ऑपरेशन महादेव’ में मार गिराया गया है। उन्होंने कहा कि हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई थी, जिसमें अब तक 1055 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। इनमें पर्यटक, स्थानीय दुकानदार, खच्चर चलाने वाले और पीड़ितों के परिजन शामिल हैं। शाह ने बताया कि सभी बयानों को वीडियो में रिकॉर्ड किया गया और उनके आधार पर आतंकियों के स्केच बनाए गए, जिनकी पहचान बाद में ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों से मेल खाती थी।
विपक्ष पर तीखा हमला
गृह मंत्री ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद थी कि जब वे पहलगाम के आतंकियों के मारे जाने की खबर सुनेंगे, तो खुश होंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि वे इससे खुश नहीं हैं।” इस बयान पर सदन में हंगामा मच गया, लेकिन शाह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर भी निशाना साधा, जिन्होंने आतंकियों के पाकिस्तान से होने के सबूत पर सवाल उठाया था। शाह ने इसे पाकिस्तान को बचाने की कोशिश करार दिया और कहा कि जब पूरा देश एकजुट है, ऐसे बयान देना ठीक नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार की स्थिति
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान शाह ने सरकार के सख्त रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने तुरंत कार्रवाई की और आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। शाह ने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कई महीनों से पुलिस, सेना और सीआरपीएफ लगातार अभियान चला रहे हैं। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान का हवाला देते हुए कहा कि श्रीनगर में हाल ही में तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया।
विदेश मंत्री और विपक्ष के बीच तनाव
शाह ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर का समर्थन करते हुए विपक्ष की टोका-टोकी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, हम धैर्यपूर्वक सुन रहे थे। मैं कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले। अब वे सच नहीं सुन पा रहे।” इस बयान से सदन में ठहाके गूंजे, लेकिन विपक्ष ने इसे लेकर आपत्ति जताई। शाह ने जयशंकर को “जिम्मेदार व्यक्ति” बताते हुए कहा कि विपक्ष को उनकी बात सुननी चाहिए।
सरकार की प्रतिबद्धता और भविष्य की योजनाएं
शाह ने अपने भाषण में यह भी जोर देकर कहा कि सरकार आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के लिए केंद्र सरकार हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर भी आश्वासन दिया और कहा कि गृह मंत्रालय इस दिशा में विशेष ध्यान दे रहा है। अमित शाह का आज का भाषण न केवल सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति को दर्शाता है, बल्कि विपक्ष के खिलाफ उनकी आक्रामक रणनीति को भी उजागर करता है। उनके बयान ने लोकसभा में चर्चा को और गर्म कर दिया, और अब सभी की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समापन भाषण पर टिकी हैं, जो आज शाम को होने की उम्मीद है। यह चर्चा न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को उजागर करती है, बल्कि भारत की राजनीतिक गतिशीलता को भी दर्शाती है।