सपा ने ईमेल से की थी सिर्फ 3,919 शिकायतें

लखनऊ, मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे मुद्दे पर सोमवार को चुनाव आयोग ने पलटवार किया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से लगाए गए आरोपों पर यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि अव्वल तो 18 हजार शपथपत्रों की मूल प्रतियां दी जाएं। वहीं कुछ मामलों की जांच में पाया गया है कि मृतकों के शपथपत्र दे दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से 18 हजार शपथ पत्र दिए जाने के मामले में दो पोस्ट किए गए हैं। उन्होंने शपथ पत्रों की मूल प्रतियां मांगी हैं, जिससे जांच तेजी से हो सके। उनका कहना है कि अभी तक 18 हजार की जगह सिर्फ 3919 शपथ पत्रों की स्कैन कॉपी ही ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हुई हैं। संभव है कि ईमेल भेजते समय सपा कार्यालय की ओर से 18 हजार व्यक्तियों के शपथ पत्र के स्थान पर त्रुटिवश 3919 शपथ पत्रों की स्कैन कॉपी ही फोल्डर में अटैच्ड कर सेव कर पाया हो। मूल कापी अभी तक नहीं मिली है।

ऐसे में 18 हजार मतदाताओं के शपथ पत्र के साथ भारत निर्वाचन आयोग को जो शिकायत की गई थी, उन समस्त 18 हजार शपथ पत्रों की मूल प्रतियां सुविधानुसार मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय या संबंधित जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय अथवा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को उपलब्ध कराने का कष्ट करें। जिससे जांच जल्द पूरी की जा सके। अब तक की जांच में आरोप मिले निराधार यूपी के सीईओ ने एक्स पर पोस्ट किया कि शिकायतें 33 जिलों के 74 विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित है। पांच विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित शिकायत की जांच पूर्ण हो चुकी है। एक्स के माध्यम से इसकी जानकारी भी आम जनता को दी जा चुकी है।

अभी तक पांच विधानसभा क्षेत्रों की जांच पूरी हो चुकी है। जांच में पाया गया है कि ऐसे कुछ व्यक्तियों के नाम से नवम्बर 2022 में शपथ पत्र बने हैं, जिनकी मृत्यु वर्ष 2022 से कई साल पूर्व हो चुकी थी। कुछ व्यक्तियों ने अपने नाम से बने शपथ पत्र की स्कैन कापी को दिखाने पर ऐसा कोई भी शपथ पत्र देने से स्पष्ट इंकार कर दिया है। मालूम हो कि कानूनन गलत साक्ष्य दिया जाना एक अपराध माना जाता है। उन्होंने यह भी कहा है कि सपा की ओर से दिए जाने वाले शपथपत्रों की सूची पर संबंधित कार्यालय को देने के बाद प्रमाण स्वरूप रिसीविंग अवश्य ले ली जाए। जिससे स्पष्ट हो सके कि कितने शपथ पत्र संबंधित कार्यालय में किस तारीख को मिले। सभी जिला निर्वाचन अधिकारी व समस्त निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को इसके संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं।

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