राम जन्मभूमि मंदिर के चार द्वार होंगे जगद्गुरुओं को समर्पित

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की महत्वपूर्ण बैठक मणिराम छावनी में महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें मंदिर परिसर के चारों प्रवेश द्वारों को जगद्गुरुओं के नाम पर समर्पित करने का निर्णय लिया गया। बिड़ला धर्मशाला के सामने, क्षीरेश्वर महादेव मंदिर के सामने, निर्माणाधीन द्वार तथा रामकोट मोहल्ले के उत्तरी द्वार को नाम देने पर सहमति बनी। इनमें से एक द्वार का निर्माण पूर्ण हो चुका है।ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि नवंबर 2025 में मंदिर के शिखरों पर ध्वजारोहण किया जाएगा। सप्तमंडप का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जहां निषादराज, शबरी, अहिल्या सहित ऋषियों की मूर्तियां स्थापित कर दी गई हैं।मुख्य मंदिर के प्रथम तल पर रेलिंग और लिफ्ट का कार्य पूरा होने पर दर्शन प्रारंभ होंगे। 70 एकड़ परिसर में चार किलोमीटर लंबी हाईटेक सुरक्षा युक्त बाउंड्री वॉल, ऑडिटोरियम और तीर्थ क्षेत्र कार्यालय का निर्माण किया जा रहा है। पंचवटी वाटिका का निर्माण प्राकृतिक स्वरूप में होगा, ताकि पशु-पक्षी विचरण कर सकें। सप्त ऋषि मंडप के बीच स्थित पुष्करणी सरोवर बनकर तैयार है।

दुर्लभ ग्रंथ संरक्षित किए जाएंगे
राम दरबार में दर्शन व्यवस्था के लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ मंथन जारी है। मुख्य मंदिर के द्वितीय तल पर प्रभु राम से संबंधित दुर्लभ ग्रंथ संग्रहित किए जाएंगे। मंदिर निर्माण में रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, आईआईटी और पुरातत्व विभाग जैसे संस्थानों का सहयोग मिल रहा है। जहां रामलला टेंट में विराजमान थे, वहां एएसआई टीम सर्वे कर रही है और 500 वर्षों के संघर्ष पर शोध भी होगा।

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