पति को बचाने के लिए वह भी नहर में कूद गईं पर……

फ़िरोज़ाबाद के एक बुजुर्ग दंपति की दर्दनाक कहानी सामने आई है, जिसमें बेटों की उपेक्षा और उत्पीड़न से परेशान 75 वर्षीय रामलड़ते ने मैनपुरी में नहर में कूदकर अपनी जान दे दी। पति को बचाने के लिए उनकी 72 वर्षीय पत्नी श्रीदेवी ने भी नहर में छलांग लगा दी, और लगभग 9 किलोमीटर तक अपने पति का हाथ पकड़े हुए उन्हें बचाने की कोशिश करती रहीं। हालांकि, उनका असाधारण संघर्ष अपने पति को नहीं बचा सका।यह दुखद घटना शुक्रवार सुबह हुई, जब रामलड़ते ने घिरोर पुल से इटावा ब्रांच नहर में छलांग लगाई। श्रीदेवी ने रोते हुए बताया कि उनके चार बेटे हैं, जो मजदूरी करते हैं, लेकिन तीन साल पहले उनके पति का कूल्हा टूट जाने के बाद उन्होंने पूरी तरह से उनसे मुंह मोड़ लिया था। बेटों ने उन्हें दवा तक के लिए पैसे देना बंद कर दिया था। इस उत्पीड़न से तंग आकर ही रामलड़ते ने यह कदम उठाया।

श्रीदेवी ने बताया कि जब उनके पति ने आत्महत्या करने की बात कही, तो वह उनके पीछे चल दीं। घिरोर पुल पर जब रामलड़ते पुल पर चढ़ने लगे, तो उन्होंने उनका हाथ पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हाथ झटक कर छलांग लगा दी। पति को बचाने के लिए वह भी कूद गईं। काफी दूर तक वह तेज बहाव में तैरती रहीं, पर सफल नहीं हो पाईं और कुछ ही देर में उनके पति अचेत हो गए।दन्नाहार थाना क्षेत्र के जवापुर गांव के पास ग्रामीणों ने दोनों को नहर से बाहर निकाला, लेकिन तब तक रामलड़ते की जान जा चुकी थी। पति को खो देने के गम में श्रीदेवी का रो-रोकर बुरा हाल था। बाद में रामलड़ते का शव उनके फ़िरोज़ाबाद स्थित आवास पर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। उनके बेटे सर्वेश ने बताया कि छोटे भाई सीताराम ने उन्हें जाने से रोका था, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और गुस्से में घर से चले गए। यह कहानी समाज में बुजुर्गों के प्रति बढ़ती उपेक्षा को दर्शाती है, जहां अपने ही बच्चे माता-पिता की देखरेख से मुंह मोड़ रहे हैं।

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