कांवड़ मार्ग पर पहचान छिपाकर दुकान चलाने वालों की अब खैर नहीं: स्वामी यशवीर का ऐलान

 

मेरठ। कांवड़ यात्रा से पहले योग साधना यशवीर आश्रम बघरा के संचालक स्वामी यशवीर ने सोमवार को दिल्ली-देहरादून हाईवे पर दुकान मालिकों और कर्मचारियों की पहचान का अभियान चलाया। दुकानों पर देवताओं के पोस्टर और भगवा झंडे भी लगाए। इस दौरान आधार कार्ड मांगे जाने पर कुछ जगह हंगामा भी हुआ, लेकिन पुलिस ने मामला शांत करा दिया। दावा किया जा रहा है कि स्वामी यशवीर ने कांवड़ मार्ग पर होटलों, ढाबों और दुकानों के मालिकों एवं कर्मचारियों की पहचान के लिए 5000 लोगों की टीम लगाई है।इस दौरान स्वामी यशवीर ने कहा कि वह मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि हिंदू धर्म की शुद्धता और पवित्रता के लिए यह अभियान चला रहे हैं। कुछ लोग हिंदू नाम और देवी-देवताओं की तस्वीरें इस्तेमाल कर खाने में अशुद्ध पदार्थ मिलाते हैं। इसी के चलते कांवड़ियों की सुविधाओं के लिए समय रहते यह अभियान शुरू किया गया है। कोई भी मुस्लिम कांवड़ यात्रा मार्ग में अपने होटल, ढाबे, चाय, फल, मिठाई की दुकान की पहचान छिपाकर सनातन धर्म के देवी-देवताओं के नाम से बिल्कुल न चलाए।

उन्होंने कहा कि यदि कोई भी अपनी पहचान छिपाकर हिंदू देवी-देवताओं के नाम से होटल, ढाबे, खाद्य पदार्थ की दुकान चलाता हुआ मिला तो उसके होटल और ढाबे के सामने धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले हर जिले में बैठकें होंगी। इस बार पांच हजार हिंदू वीरों की टोली बनाकर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान कोई विवाद न हो, इसके मद्देनजर सीओ दौराला प्रकाश चंद्र अग्रवाल फोर्स के साथ मौके पर मौजूद रहे।

मुस्लिमों की दुकानें बंद रखने की मांग उठाई
अखिल भारतीय हिंदू समाज सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष सचिन सिरोही भी समर्थकों के साथ पहुंचे। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा देश की सबसे बड़ी यात्रा है। करीब पांच करोड़ शिवभक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करने को गंगाजल उठाकर पैदल चलते हैं। यात्रा के दौरान शुद्धता का विशेष महत्व है। ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग रास्ते में पड़ने वाली अपनी दुकानें, ढाबे और होटल बंद रखें। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को इसके लिए आदेश जारी करना चाहिए। इन लोगों की दुकानें बंद रहने से कोई विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। कांवड़ यात्रा के दौरान यदि किसी ने पहचान छिपाकर कांवड़ियों के खाने में अशुद्ध पदार्थ मिलाने का प्रयास भी किया तो इसकी जिम्मेदारी दुकान मालिक और संबंधित जिले के प्रशासन की होगी। ऐसी दुकानें खुली तो संगठन उग्र आंदोलन करेगा।

एलआईयू से मिले इनपुट पर पहुंची पुलिस
एलआईयू ने पुलिस को स्वामी यशवीर के आने का इनपुट दिया था। इस पर कंकरखेड़ा, जानी, परतापुर, टीपीनगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। एडीजी कानून-व्यवस्था कार्यालय से हालात पर नजर रखते हुए रिपोर्ट मांगी जा रही थी। गाजियाबाद की सीमा तक जिले की पुलिस स्वामी यशवीर के साथ मौजूद रही।

कौन हैं स्वामी यशवीर

मुजफ्फरनगर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर बघरा गांव में योग आश्रम है। इसका नाम योग साधना यशवीर आश्रम है। स्वामी यशवीर का जन्म मुजफ्फरनगर के ही जाट परिवार में हुआ था। संन्यासी बनकर बघरा गांव में आश्रम बनाने से पहले वह हरियाणा में कई जगहों पर रहे और योग सीखा। वर्ष 2015 में पैगंबर पर विवादित टिप्पणी करके विवादों में घिर गए। धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में वह करीब साढ़े सात महीने जेल में भी रहे। तत्कालीन सपा सरकार ने उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की थी। अगस्त 2016 में रासुका हटने पर उन्हें जमानत मिली। कांवड़ मार्ग की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की मांग वर्ष 2023 में उन्होंने उठाई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *