समाचार मंच संवाददाता
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में तेजी लाते हुए चश्मदीद गवाहों से पूछताछ शुरू कर दी है। यह हमला हाल ही में उस वक्त हुआ था जब सुरक्षाबल और स्थानीय नागरिक सामान्य गतिविधियों में व्यस्त थे। हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और कुछ नागरिक भी घायल हुए। अब एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर गहन जांच कर रही है।
एनआईए के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, हमले के प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ करना जांच का अहम हिस्सा है। इन चश्मदीदों के बयान से हमले के पीछे के असली षड्यंत्र का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसारएनआईए ने शुरू की पहलगाम हमले के चश्मदीदों से पूछताछ
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में तेजी लाते हुए चश्मदीद गवाहों से पूछताछ शुरू कर दी है। यह हमला हाल ही में उस वक्त हुआ था जब सुरक्षाबल और स्थानीय नागरिक सामान्य गतिविधियों में व्यस्त थे। हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और कुछ नागरिक भी घायल हुए। अब एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर गहन जांच कर रही है।
एनआईए के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, हमले के प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ करना जांच का अहम हिस्सा है। इन चश्मदीदों के बयान से हमले के पीछे के असली षड्यंत्र का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए की टीम ने अब तक लगभग 20 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें स्थानीय दुकानदार, राहगीर, टैक्सी चालक और सुरक्षाबल के जवान शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि हमले से ठीक पहले कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी गई थीं। स्थानीय लोगों ने कुछ अनजान चेहरों को इलाके में घूमते हुए देखा था। एनआईए इन जानकारियों के आधार पर संदिग्धों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। साथ ही आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं ताकि हमलावरों की मूवमेंट का पता लगाया जा सके।
पहलगाम, जो आमतौर पर अमरनाथ यात्रा के दौरान भारी संख्या में तीर्थयात्रियों से गुलजार रहता है, इस हमले के बाद दहशत के साए में है। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चैबंद कर दिया है और अतिरिक्त बलों की तैनाती भी कर दी गई है। एनआईए के अधिकारियों ने कहा है कि वे तकनीकी साक्ष्यों के अलावा चश्मदीदों के बयानों को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि हमले की हर कड़ी को जोड़ा जा सके।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ष्चश्मदीदों के बयान घटनास्थल पर क्या हुआ, किस तरह से हमला हुआ और हमलावरों की संख्या कितनी थी, जैसी जानकारियां जुटाने में बेहद मददगार साबित हो रही हैं। कई गवाहों ने हमलावरों के पहनावे और भाषा को लेकर भी अहम जानकारियां दी हैं।ष्
जांच एजेंसी इस हमले के पीछे सक्रिय आतंकी संगठनों की भूमिका की भी जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में कुछ आतंकी समूहों का नाम सामने आ रहा है, लेकिन एनआईए ने अभी आधिकारिक रूप से किसी के नाम की पुष्टि नहीं की है।
इसी बीच, स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी ने घटना से जुड़ी कोई संदिग्ध गतिविधि देखी हो या फिर कोई सूचना हो, तो तुरंत सुरक्षाबलों या जांच एजेंसी को सूचित करें। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि एनआईए की तेजी से हो रही जांच से जल्द ही हमलावरों और उनके नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है। साथ ही इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए सटीक रणनीति भी बनाई जा सकेगी।
पहलगाम हमला एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि कश्मीर घाटी में शांति की राह अभी भी कठिन है। लेकिन केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हालात को संभालने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं। एनआईए की इस सक्रियता से स्थानीय लोगों में भी एक उम्मीद जगी है कि जल्द ही हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
, एनआईए की टीम ने अब तक लगभग 20 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें स्थानीय दुकानदार, राहगीर, टैक्सी चालक और सुरक्षाबल के जवान शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि हमले से ठीक पहले कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी गई थीं। स्थानीय लोगों ने कुछ अनजान चेहरों को इलाके में घूमते हुए देखा था। एनआईए इन जानकारियों के आधार पर संदिग्धों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। साथ ही आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं ताकि हमलावरों की मूवमेंट का पता लगाया जा सके।
पहलगाम, जो आमतौर पर अमरनाथ यात्रा के दौरान भारी संख्या में तीर्थयात्रियों से गुलजार रहता है, इस हमले के बाद दहशत के साए में है। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चैबंद कर दिया है और अतिरिक्त बलों की तैनाती भी कर दी गई है। एनआईए के अधिकारियों ने कहा है कि वे तकनीकी साक्ष्यों के अलावा चश्मदीदों के बयानों को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि हमले की हर कड़ी को जोड़ा जा सके।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ष्चश्मदीदों के बयान घटनास्थल पर क्या हुआ, किस तरह से हमला हुआ और हमलावरों की संख्या कितनी थी, जैसी जानकारियां जुटाने में बेहद मददगार साबित हो रही हैं। कई गवाहों ने हमलावरों के पहनावे और भाषा को लेकर भी अहम जानकारियां दी हैं।ष्
जांच एजेंसी इस हमले के पीछे सक्रिय आतंकी संगठनों की भूमिका की भी जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में कुछ आतंकी समूहों का नाम सामने आ रहा है, लेकिन एनआईए ने अभी आधिकारिक रूप से किसी के नाम की पुष्टि नहीं की है।
इसी बीच, स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी ने घटना से जुड़ी कोई संदिग्ध गतिविधि देखी हो या फिर कोई सूचना हो, तो तुरंत सुरक्षाबलों या जांच एजेंसी को सूचित करें। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि एनआईए की तेजी से हो रही जांच से जल्द ही हमलावरों और उनके नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है। साथ ही इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए सटीक रणनीति भी बनाई जा सकेगी।
पहलगाम हमला एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि कश्मीर घाटी में शांति की राह अभी भी कठिन है। लेकिन केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हालात को संभालने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं। एनआईए की इस सक्रियता से स्थानीय लोगों में भी एक उम्मीद जगी है कि जल्द ही हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।