लखनऊ में निर्वाचन आयोग के नये भवन का शिलान्यास, बोले योगी यूपी लोकतंत्र की असली ताकत

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के अवध विहार योजना में उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के नये आधुनिक कार्यालय भवन का शिलान्यास किया। करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह भवन 2618.59 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला होगा और इसमें कुल छह मंजिलें होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भवन लोकतंत्र को और मजबूती देगा और पारदर्शी व सुव्यवस्थित निर्वाचन व्यवस्था की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त बनाने वाला है। राज्य निर्वाचन आयोग का अपना भवन होना इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश अब नई दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक आयोग किराए के भवन से काम कर रहा था, जहां कामकाज में कई दिक्कतें आती थीं। लेकिन नया भवन तैयार होने के बाद आयोग को और गति मिलेगी और वह बेहतर तरीके से चुनावी प्रक्रिया का संचालन कर सकेगा।



मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था हो या शहरी निकाय चुनाव, उत्तर प्रदेश की यह चुनावी प्रक्रिया दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की असली पहचान है। उन्होंने बताया कि अकेले यूपी में 12 करोड़ से अधिक मतदाता पंचायत चुनाव में वोट डालते हैं, जो किसी भी अन्य राज्य की कुल आबादी से ज्यादा है। प्रदेश में फिलहाल 57,600 ग्राम पंचायतें, 826 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं। वहीं शहरी क्षेत्र में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिकाएं और 544 नगर पंचायतें हैं। इन सबके साथ करीब 14 हजार पार्षदों का चुनाव भी राज्य निर्वाचन आयोग ही कराता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब दुनिया भारत को सबसे बड़ा लोकतंत्र कहती है तो उसमें उत्तर प्रदेश की यह भूमिका अहम होती है।योगी आदित्यनाथ ने लोकतंत्र की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि जनता सिर्फ मतदाता नहीं है, वह लोकतांत्रिक व्यवस्था की जनार्दन है। उसकी आवाज को सुनना और महत्व देना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई जनप्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं को नजरअंदाज करता है तो पांच साल बाद जनता उसे नकार देती है। यही लोकतंत्र की असली शक्ति है और इसी व्यवस्था ने भारत को सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा किया है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विकसित उत्तर प्रदेश की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और निर्वाचन व्यवस्था का मजबूत होना ही उस दिशा में सबसे बड़ी गारंटी है। नया भवन बनने के बाद आयोग और भी प्रभावी ढंग से काम कर सकेगा और चुनाव की पारदर्शिता और विश्वसनीयता और बढ़ेगी।इस भवन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय निर्माण निगम इस परियोजना को 18 महीनों से भी कम समय में पूरा करेगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश उन चुनिंदा राज्यों में शामिल होगा जिनके पास निर्वाचन आयोग का खुद का आधुनिक भवन होगा।भवन की विशेषताओं की बात करें तो परिसर में रोड पाथवे, खुली पार्किंग और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा होगी। छत पर 25,000 लीटर क्षमता का आरसीसी टैंक और भूमिगत स्तर पर एक लाख लीटर क्षमता का अंडरग्राउंड टैंक लगाया जाएगा। इसके अलावा 25 के.एल.डी. क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। पूरे भवन में सीसीटीवी सिस्टम होगा। कर्मचारियों और आगंतुकों की सुविधा के लिए दो बड़ी लिफ्ट और एक छोटी लिफ्ट लगाई जाएगी। आंतरिक विद्युतीकरण और पावर वायरिंग की आधुनिक व्यवस्था भी इसमें की जाएगी।



यह भवन न केवल आयोग के कामकाज को गति देगा, बल्कि तकनीक और सुविधाओं से लैस होकर एक मॉडल ऑफिस के रूप में उदाहरण भी पेश करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग के पास जब खुद का भवन होगा तो कार्यकुशलता बढ़ेगी और आमजन का विश्वास और गहरा होगा।इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर, राज्य निर्वाचन आयुक्त राजन प्रताप सिंह, यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष, एससी-एसटी आयोग की अध्यक्ष, पंचायती राज विभाग के अधिकारी और कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।शिलान्यास कार्यक्रम में लोगों ने कहा कि यह भवन आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती का प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री योगी ने इसे ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि जब जनता की आवाज को महत्व मिलता है, तभी लोकतंत्र जीवंत होता है। यही वह ताकत है, जिसने भारत को दुनिया में एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में स्थापित किया है।



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