मोदी ने बिहार में मॉ पर भावनात्मक होकर विपक्ष को घेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार चुनाव की रैली में अपनी मां को केंद्र में रखकर एक भावनात्मक, राजनीतिक और सामाजिक संदेश जनता को दिया, जिसमें विपक्षी दलों की टिप्पणियों को हर मां का अपमान बताया और बिहार के विकास व महिलाओं को आर्थिक सशक्तीकरण की योजनाओं को प्रमुखता दी.

भावनात्मक आधाररू मां का अपमान, हर मां का अपमान

मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत विपक्षी दलों द्वारा उनकी मां के खिलाफ किए गए अपशब्द पर अपना गुस्सा और दुख जताते हुए की. उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह सिर्फ उनकी मां का अपमान नहीं बल्कि देश की हर मां का अपमान है। छठी मइया के उदाहरण देकर उन्होंने विपक्षी दलों से माफी मांगने की मांग रखी। इसका उद्देश्य बिहार की संस्कृति और पारिवारिक संवेदनाओं से जनता को जोड़ना था, जिससे आम मतदाता खुद इससे भावनात्मक रूप से जुड़ सके.

बिहार की माताओं और जीविका दीदियों को सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीविका निधि सहकारी संघ की शुरुआत की घोषणा की, जिसमें 105 करोड़ रुपये की महिला खाताधारकों को राशि ट्रांसफर की गई. मोदी ने बिहार की ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को एनडीए सरकार की प्राथमिकता बताते हुए इसे बदलते बिहार की नारी शक्ति का उदाहरण बताया। यह घोषणा चुनाव से ठीक पहले हुई, जिससे महिलाओं को सीधे राजनीतिक संदेश दिया गया कि मोदी सरकार उनकी आर्थिक आज़ादी और उन्नति के लिए समर्पित है. मोदी ने बार-बार केंद्र और बिहार सरकार की साझीदारी का ज़िक्र किया, जिसकी वजह से बिहार में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं में ऐतिहासिक सुधार हुए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में चार करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर दिये गए, अकेले बिहार में 38 लाख से अधिक आवास बने हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ष्जब तक हर जरूरतमंद को पक्का घर नहीं मिल जाता, मोदी चौन से नहीं बैठेगा,ष् जिससे उनके संकल्प का संदेश जनता तक पहुंचा.

महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण पर बड़ा संदेश

महिलाओं के लिए जीविका बैंक, सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता, और सब्सिडी योजनाओं के विस्तार को मोदी ने चुनावी वादे के रूप में रखा. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि महिलाओं का जीवन आसान बनाना और गरीबों को गरीब रहना न पड़े, यही उनकी सेवा की प्रेरणा है.

विपक्ष पर हमलावर रुख

मोदी ने कांग्रेस और आरजेडी पर आरोप लगाया कि वे घुसपैठियों का समर्थन करके बिहार का हक छीनना चाहते हैं, जबकि एनडीए सरकार बिहार की आकांक्षाओं को नई उड़ान देने के लिए प्रतिबद्ध है. वोट बैंक की राजनीति, तुष्टीकरण नीति और सुशासन का मुद्दा रेखांकित करते हुए मोदी ने बिहार के मतदाताओं को सतर्क रहने की सलाह दी.

बिहारी संस्कृति और राष्ट्रवाद की झलक

मोदी ने अपने भाषण में छठी मइया और भारत माता की जय के नारों के साथ बिहारी संस्कृति और राष्ट्रवाद को जोड़ते हुए जनता से सामूहिक जुड़ाव बनाने की कोशिश की. भाषण के अंत में उन्होंने बिहार की प्रगति, महिला सशक्तीकरण, युवा एवं रोजगार विषयों को केंद्र में रखते हुए ष्डबल इंजन सरकारष् के मॉडल को बिहार के भविष्य के लिए सर्वाेत्तम बताया.इस भाषण ने भावनात्मक मुद्दों, विकास योजनाओं, महिला सशक्तीकरण, केंद्र-बिहार साझेदारी और विपक्षी दलों की राजनीति को जन समर्थन जुटाने की रणनीति में सहेजते हुए बिहार चुनाव के माहौल को गरमा दिया. भाषण के हर भाव और योजना में ष्मांष् का महत्व केंद्र में था, जो सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीति का मिलाजुला संदेश जनता तक पहुंचा.

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