समाचार मंच प्रतिनिधि
22 अप्रैल को पहलगाम की शांत वादियों में जो आतंकी कहर बरपा, उसने पूरे भारत को आक्रोश की ज्वाला में झोंक दिया। 26 निर्दाेष नागरिकों की निर्मम हत्या ने सिर्फ आम जनमानस ही नहीं, बल्कि सत्ता के उच्च शिखरों तक को हिला कर रख दिया। इस वीभत्स हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसने का फैसला कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक के बाद एक करारा प्रहार किए जा रहे हैं, जो पाकिस्तान को उसके काले कारनामों का माकूल जवाब दे रहे हैं। पहले सरकार ने जल संधि समझौता निलबिंत किया था और अब केन्द्र सरकार ने पाकिस्तान के 16 बड़े यूटयूब चैनल को बैन कर दिया है,वहीं बीबीसी को कड़ी चेतावनी दी है।
भारत सरकार ने सबसे पहले पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार और झूठ का मुंहतोड़ जवाब देने का बीड़ा उठाया। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर भारत ने पाकिस्तान के 16 बड़े यूट्यूब चौनलों को ब्लॉक कर दिया है। डॉन न्यूज, जियो न्यूज, समा टीवी जैसे बदनाम चौनलों को प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो भारत की सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ झूठा और भ्रामक प्रचार कर रहे थे।
ये यूट्यूब चौनल न केवल भारत को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास कर रहे थे, बल्कि देश में सांप्रदायिक तनाव भड़काने के भी षड्यंत्र रच रहे थे। भारत सरकार ने यह संदेश साफ दे दिया है कि अब भारत की संप्रभुता और एकता के खिलाफ जहर उगलने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि भारत सरकार ने उन विदेशी मीडिया संस्थानों को भी चेतावनी दी है जो आतंकवादियों को उग्रवादी कहकर उन्हें नरम तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं। बीबीसी को खासतौर पर पहलगाम त्रासदी की रिपोर्टिंग में इस प्रकार की भाषा के प्रयोग पर सरकार ने सख्त चेतावनी दी है। यह साफ संकेत है कि भारत अब अपने वीरों के बलिदान का अपमान सहन नहीं करेगा, चाहे वह देश के भीतर से हो या विदेश से।
सिंधु जल संधि पर भारत का प्रहार
इससे पूर्व पहलवान हमले के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान को आर्थिक और सामरिक मोर्चे पर भी घेरना शुरू कर दिया है। भारत ने ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को रोकने का निर्णय लिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अब अपनी नदियों के जल पर पूरा अधिकार स्थापित करेगा और पाकिस्तान की निर्भरता पर गहरी चोट की जाएगी। यह फैसला एक निर्णायक मोड़ है, जो पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से कमजोर करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। दशकों से भारत के धैर्य का दुरुपयोग कर रहे पाकिस्तान को अब असली कीमत चुकानी होगी।
पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का फरमान
भारत सरकार ने सार्क के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दी गई वीजा छूट को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। न केवल यह, बल्कि दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पाकिस्तानी राजनयिकों को साफ तौर पर 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है,जिसके बाद बड़ी संख्या में पाकिस्तानी देश छोड़कर चले गये हैं। यह समय सीमा 29 अप्रैल को समाप्त हो जायेगी। यह कार्रवाई दिखाती है कि भारत अब राजनयिक शिष्टाचार से ऊपर उठकर राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वाभिमान को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रहा है।
आक्रोश की ज्वालाः आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में एक स्वर में पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठी थी। मोदी सरकार ने इस मांग को सिर्फ सुना नहीं, बल्कि उस पर तेजी से अमल भी किया। अब भारत केवल निंदा या वार्ता की भाषा नहीं बोल रहा, बल्कि एक्शन की भाषा में जवाब दे रहा है। आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को हर स्तर पर अलग-थलग करना भारत की प्राथमिकता बन चुकी है। चाहे डिजिटल मोर्चा हो, कूटनीतिक मोर्चा हो, आर्थिक मोर्चा हो या सामरिक मोर्चा – भारत ने हर दिशा में पाकिस्तान को घेरने का मास्टरप्लान लागू कर दिया है।
पाकिस्तान के लिए यह महज शुरुआत
भारत सरकार के इन कड़े कदमों से यह स्पष्ट संदेश गया है कि अब यदि पाकिस्तान ने अपनी हरकतें नहीं सुधारीं तो उसे और भी भयावह परिणाम भुगतने होंगे। सिर्फ यूट्यूब चौनलों पर प्रतिबंध लगाना ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को झकझोरने, उसकी वैश्विक छवि को धूमिल करने और उसे कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अब बात केवल आतंक के खिलाफ लड़ाई की नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता और सम्मान की रक्षा की है।
भारत अब बदल चुका है
पहलू बदल चुका है, भारत बदल चुका है। अब नया भारत वार नहीं झेलेगा, बल्कि वार का जवाब दुगनी ताकत से देगा। यह भारत शांति का पुजारी है, लेकिन जब युद्ध का बिगुल बजता है तो शत्रु को धूल चटाने से पीछे नहीं हटता।
अब पाकिस्तान को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि भारत की सहनशीलता की सीमा समाप्त हो चुकी है। हर आतंकी हरकत का जवाब मिलेगा,वह भी उसी भाषा में जिसे पाकिस्तान अच्छी तरह समझता है।