झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन का दिल्ली में निधन

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार, 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। उनके बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी पुष्टि की, जिसमें उन्होंने लिखा, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए। आज मैंने सब कुछ खो दिया।” शिबू सोरेन लंबे समय से किडनी से संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे और जून के अंतिम सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। हाल ही में उन्हें स्ट्रोक भी हुआ था, जिसके बाद उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। अस्पताल के बुलेटिन के अनुसार, उन्हें सुबह 8:56 बजे मृत घोषित किया गया।

शिबू सोरेन, जिन्हें ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता था, झारखंड के एक प्रमुख आदिवासी नेता थे। 1972 में उन्होंने बिनोद बिहारी महतो और एके रॉय के साथ मिलकर JMM की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी भूमि अधिकारों की रक्षा और झारखंड राज्य की मांग था। उनकी अगुवाई में चले आंदोलन ने 2000 में झारखंड राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सोरेन ने दुमका से आठ बार लोकसभा सांसद के रूप में और दो बार राज्यसभा सांसद के रूप में सेवा की। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे—2005, 2008-09 और 2009-10 में—हालांकि गठबंधन की अस्थिरता के कारण उनका कोई भी कार्यकाल पूरा नहीं हुआ।

सोरेन का राजनीतिक जीवन विवादों से भी घिरा रहा। 1975 के चिरुडीह नरसंहार और 1994 में उनके निजी सचिव शशिनाथ झा की हत्या के मामले में उन पर आरोप लगे, हालांकि बाद में वे दोनों में बरी हो गए। उनकी छवि एक ऐसे नेता की थी, जो आदिवासियों और गरीबों के अधिकारों के लिए अडिग रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने कहा, “शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए जीवन समर्पित किया।” सोरेन की पत्नी रूपी किस्कू, बेटे हेमंत और बसंत, बेटी अंजलि और परिवार के अन्य सदस्यों ने उनके अंतिम समय में साथ दिया। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया।

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