गुरुग्राम में राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले में अब लव जिहाद का एंगल सामने आता दिख रहा है। यह हत्या अब सिर्फ पारिवारिक तनाव का मामला नहीं रही, बल्कि इसके पीछे बेटी की एक मुस्लिम युवक से नजदीकियां और उसके वायरल वीडियो को लेकर गहरा विवाद होने की बात कही जा रही है।
घटना गुरुवार सुबह गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित सुशांत लोक-2 इलाके की है, जहां 25 वर्षीय राधिका को उसके ही पिता दीपक यादव ने पांच गोलियां मार दी थीं। तीन गोलियां राधिका को लगीं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। राधिका घर के सामने ही टेनिस अकादमी चला रही थीं और सोशल मीडिया पर भी बेहद सक्रिय थीं।
अब इस मामले में जो जानकारी निकलकर सामने आई है, वह चौंकाने वाली है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले राधिका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह एक युवक इनाम-उल-हक के साथ बाइक पर नजर आ रही थीं। यह वीडियो इंस्टाग्राम से लेकर यूट्यूब तक वायरल हुआ और इसी को लेकर पिता बेहद नाराज थे। सूत्रों का कहना है कि दीपक यादव को बेटी की सोशल मीडिया गतिविधियों और इनाम-उल-हक से उसकी करीबी पर सख्त आपत्ति थी।
स्थानीय लोगों और परिवार के कुछ सदस्यों का कहना है कि दीपक यादव को इस बात की आशंका थी कि बेटी किसी “गलत दिशा” में जा रही है और उसका धर्म व भविष्य खतरे में पड़ सकता है। इसी के चलते उन्होंने बेटी को कई बार टोका और अकादमी जाने से भी रोका, लेकिन राधिका नहीं मानी। पुलिस पूछताछ में दीपक ने खुद माना कि वह गांव में यह सुनकर अपमानित महसूस करता था कि वह बेटी की कमाई खा रहा है। लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह अपमान सिर्फ आर्थिक था या इसमें बेटी की पसंद और उसके रिलेशनशिप का डर भी शामिल था?
फिलहाल गुरुग्राम पुलिस मामले की जांच कर रही है और इनाम-उल-हक के साथ राधिका के संबंधों की भी पड़ताल की जा रही है। हालांकि अभी तक पुलिस ने लव जिहाद को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सोशल मीडिया पर इस एंगल को लेकर बहस तेज हो चुकी है। कई यूजर्स इसे “आधुनिक लव जिहाद की ऑनर किलिंग” करार दे रहे हैं।
राधिका यादव एक होनहार खिलाड़ी थीं, जिन्होंने ITF रैंकिंग में डबल्स में अपनी पहचान बनाई थी। चोट के बाद उन्होंने कोचिंग शुरू की और कई खिलाड़ियों को तैयार कर रही थीं। उनका आत्मविश्वास, सोशल मीडिया पर सक्रियता और जीवन को लेकर उनकी स्वतंत्र सोच शायद उसी समाज को खटकने लगी जो अब भी बेटियों की आज़ादी को खतरा मानता है।
अब देखना यह होगा कि पुलिस की जांच क्या नया मोड़ लेती है। क्या यह मामला सिर्फ ऑनर किलिंग है या फिर इसके पीछे वाकई कोई धार्मिक एजेंडा और साजिश थी? जो भी हो, राधिका की मौत ने समाज को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है—क्या आज भी एक बेटी का अपना जीवन चुनना इतना बड़ा अपराध है?