संजय सक्सेना
देश की राजधानी दिल्ली में अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार जहां अपराधियों पर शिकंजा कसने का दावा कर रही है, वहीं राजधानी के कुछ हिस्सों में अपराधियों के हौसले बुलंद दिखाई दे रहे हैं। ताजा मामला पूर्वी दिल्ली के न्यू सीलमपुर इलाके का है, जहां एक 17 वर्षीय युवक कुणाल की सरेआम चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई। इस घटना से क्षेत्र में भारी तनाव फैल गया है।
मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आई है एक कथित ‘लेडी डॉन’ जिकरा, जो मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती है। जिकरा ने इलाके के कई असामाजिक तत्वों को अपने गिरोह में शामिल कर रखा है, और यह गिरोह कथित रूप से हिंदू समुदाय के लोगों के लिए खतरा बन चुका है। पुलिस ने जिकरा को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही तीन अन्य आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
कुणाल, जो न्यू सीलमपुर के जे ब्लॉक का निवासी था, गुरुवार शाम को लगभग 7रू30 बजे अपने घर के पास की दुकान से दूध लेने गया था। लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी लाश खून से लथपथ हालत में मिली। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चार से पांच लोगों ने उस पर चाकू से हमला किया। कुणाल के पिता राजवीर, जो एक ऑटो चालक हैं, ने खुद देखा कि किस तरह उनके बेटे पर हमला किया गया।
कुणाल को फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार के अनुसार, कुणाल का किसी से कोई झगड़ा या दुश्मनी नहीं थी। मां प्रवीण और पिता राजवीर का कहना है कि वह परिवार का सबसे जिम्मेदार बेटा था और अपने बीमार पिता की जगह गांधी नगर की एक दुकान में काम करके घर चला रहा था।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि इस हत्या में जिकरा और उसके भाई साहिल की मुख्य भूमिका है। बताया जा रहा है कि दोनों भाई-बहन इलाके में एक सक्रिय आपराधिक गिरोह चलाते हैं, जिसमें 15 से अधिक सदस्य हैं। जिकरा को कुछ समय पहले पुलिस ने शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था, जब उसके घर से हथियार बरामद हुए थे। लेकिन हाल ही में वह जेल से छूटकर वापस आई थी।
बताया जाता है कि जिकरा सोशल मीडिया पर खुद को श्लेडी डॉनश् के रूप में प्रस्तुत करती है। वह हथियार लहराते हुए फोटो और वीडियो अपलोड करती है और यहां तक कि पुलिस हिरासत के वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा करती रही है।
कुणाल की मां ने दावा किया कि यह हत्या सांप्रदायिक रंजिश के कारण हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि जिकरा का उनके पड़ोसी लाला नाम के युवक से झगड़ा था और उसका बदला लेने के लिए जिकरा और उसके भाई ने उनके बेटे को निशाना बनाया। लाला फिलहाल फरार है और उसका कहीं कोई अता-पता नहीं है। मां का कहना है कि उनके बेटे का इस झगड़े से कोई लेना-देना नहीं था।
मां ने यह भी बताया कि जिकरा, जोया नाम की लड़की के जरिए एक कुख्यात ड्रग तस्कर हाशिम बाबा के संपर्क में आना चाहती थी। जोया जिकरा को हथियार उपलब्ध कराने में मदद करती थी, लेकिन हाल ही में जोया को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इससे गिरोह में खलबली मच गई थी।
कुणाल की हत्या के बाद जे ब्लॉक समेत आसपास के क्षेत्रों में भारी तनाव फैल गया है। लोग जीटी रोड पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए और सड़क जाम करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने समय रहते स्थिति को काबू में कर लिया और लोगों को हटाया।
स्थानीय हिंदू परिवारों ने अपने घरों के बाहर श्हिंदू पलायन कर रहे हैंश् और श्मकान बिकाऊ हैश् जैसे पोस्टर लगाए हैं। इनका कहना है कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन उनकी रक्षा करने में असफल रहा है।
कुछ लोगों ने दिल्ली में ष्योगी मॉडलष् लागू करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। उनके हाथों में ऐसे पोस्टर थे जिन पर लिखा था कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दिल्ली में भी अपराधियों पर बुलडोजर चलाया जाए।
घटना के बाद कई राजनीतिक नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। पटपड़गंज से विधायक रविंद्र नेगी ने परिवार को भरोसा दिलाया कि उन्हें न्याय मिलेगा और उन्होंने अपील की कि लोग अपने घर छोड़कर न जाएं।
वहीं, यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और भाजपा नेता जय भगवान गोयल ने कहा कि सीलमपुर के जे ब्लॉक में हिंदुओं को डर का माहौल बनाकर पलायन पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से दिल्ली में भी श्योगी मॉडलश् लागू करने की अपील की, ताकि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।
पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त आशीष मिश्रा ने जानकारी दी कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है और अब तक कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। साहिल और जिकरा की भूमिका स्पष्ट होती जा रही है। गिरोह में शामिल अन्य लोगों की पहचान भी की जा रही है और जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस को जिकरा के सोशल मीडिया अकाउंट्स से भी कई सबूत मिले हैं, जिसमें वह खुलेआम हथियारों के साथ दिखाई देती है और खुद को श्लेडी डॉनश् कहकर प्रचार करती है। यह बात साफ है कि वह इलाके में दहशत फैलाकर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहती थी।
इस घटना ने दिल्ली में कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर जब मामला दो समुदायों के बीच का हो और उसमें सांप्रदायिक तनाव की आशंका हो, तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।