कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर एक और सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास ऐसी बड़ी चीजें हैं, जिनके खुलासे से भारत का चुनाव आयोग कठघरे में खड़ा हो सकता है। यह बयान न केवल उनकी पिछली टिप्पणियों की निरंतरता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र और इसकी चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाता है। राहुल गांधी ने संसद परिसर में मीडिया से रूबरू होते हुए दावा किया कि उनके पास मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर ठोस सबूत हैं, जो चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि ये सबूत इतने विस्फोटक हैं कि इनके सार्वजनिक होने पर चुनाव आयोग की साख खतरे में पड़ सकती है। हालांकि, उन्होंने विशिष्ट विवरण या सबूतों को तत्काल सार्वजनिक नहीं किया, जिससे उनके बयान पर सवाल उठ रहे हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया और महाराष्ट्र व कर्नाटक के हाल के चुनावों में मतदाता सूची को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है।
बहरहाल, राहुल गांधी का यह पहला अवसर नहीं है जब उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने मतदाता सूची में धांधली और फर्जी वोटिंग के आरोप लगाए थे। तब उन्होंने महाराष्ट्र में मतदाता संख्या में असामान्य वृद्धि का दावा किया, जिसमें पांच महीनों में 41 लाख नए मतदाता जोड़े गए, जबकि पिछले पांच वर्षों में केवल 31 लाख की वृद्धि हुई थी। उन्होंने इसे वोट चोरी का ब्लूप्रिंट करार दिया और आरोप लगाया था कि फर्जी मतदाताओं को जोड़कर और मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर धांधली की गई।इसके अलावा, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से डिजिटल मतदाता सूची और मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की थी, जिसे आयोग ने गोपनीयता और सुरक्षा कारणों से खारिज कर दिया। उनके इन दावों को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग ने निराधार और असंवैधानिक बताते हुए चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करार दिया। बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने तो यह भी कहा कि राहुल गांधी को अपने पिता राजीव गांधी द्वारा पारित कानूनों की जानकारी नहीं है, जो मतदाता सूची पुनरीक्षण को नियंत्रित करते हैं।
चुनाव आयोग का राहुल गांधी को उत्तर
चुनाव आयोग ने ठोस सबूत के अभाव में हर बार राहुल गांधी के आरोपों को बार-बार खारिज किया है। आयोग ने कहा कि कर्नाटक लोकसभा चुनाव 2024 की मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 के तहत कोई अपील दायर नहीं की, जो एक वैध कानूनी उपाय था। इसके अलावा, 2024 के लोकसभा चुनाव में हारे हुए किसी भी कांग्रेस उम्मीदवार ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 80 के तहत चुनाव याचिका दायर नहीं की। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती है, और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं।