भाजपा ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर एक बड़े जनजागरण अभियान की शुरुआत करने का फैसला किया है। यह अभियान 20 अप्रैल से 5 मई तक चलेगा और इसका उद्देश्य मुस्लिम समाज को वक्फ कानून के संशोधनों की वास्तविकता से अवगत कराना है, साथ ही विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे झूठ और भ्रम का खंडन करना भी इसमें शामिल है।
भाजपा के शीर्ष नेताओं की मानें तो यह केवल एक राजनीतिक पहल नहीं है, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता अभियान है, जिसमें मुस्लिम समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचकर यह बताया जाएगा कि यह कानून उनके हित में है। पार्टी इस अभियान के जरिए यह उजागर करेगी कि किस प्रकार पूर्ववर्ती सरकारों के समय वक्फ बोर्डों की आड़ में पसमांदा मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य धार्मिक समुदायों की जमीनों और स्थलों पर अवैध कब्जे किए गए।
वक्फ कानून: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और वर्तमान बदलाव
वक्फ एक इस्लामिक परंपरा है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक, सामाजिक या परोपकारी कार्यों के लिए समर्पित कर देता है। भारत में वक्फ की संपत्तियों की संख्या लाखों में है और इनके प्रबंधन के लिए वक्फ बोर्ड गठित किए गए हैं। समय के साथ वक्फ से जुड़ी संपत्तियों को लेकर विवाद, भ्रष्टाचार और दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं।
हालिया वक्फ संशोधन कानून का उद्देश्य वक्फ बोर्डों की पारदर्शिता बढ़ाना, संपत्ति के रिकॉर्ड को डिजिटल करना, और इन संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना है। भाजपा का कहना है कि यह कानून सभी समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करता है और खासकर पसमांदा मुसलमानों व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को इससे फायदा होगा।
विपक्ष के आरोप और भाजपा की प्रतिक्रिया
कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने इस कानून को लेकर आशंका जताई है। उनका कहना है कि यह मुस्लिम समाज की धार्मिक स्वतंत्रता पर हस्तक्षेप है। लेकिन भाजपा का कहना है कि यह केवल भ्रम फैलाने की कोशिश है और असलियत इससे बिल्कुल अलग है।
भाजपा नेताओं का तर्क है कि विपक्ष अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। इसके जवाब में भाजपा अब “वक्फ सुधार जनजागरण अभियान” चलाकर हर स्तर पर मुस्लिम समाज के साथ संवाद करेगी।
अभियान की रणनीति और संरचना
20 अप्रैल से 5 मई तक चलने वाले इस अभियान की शुरुआत प्रदेश स्तर पर होगी, जिसकी रूपरेखा हाल ही में एक वर्चुअल बैठक में तय की गई। प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने इस बैठक में पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
इस अभियान के लिए एक राज्य स्तरीय समिति गठित की गई है, जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयंबक त्रिपाठी को संयोजक नियुक्त किया गया है। उनके साथ प्रदेश मंत्री शिवभूषण सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली और चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रदेश संयोजक अखिलेश अवस्थी को सह संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र
19 अप्रैल को लखनऊ के भागीदारी भवन में राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
20 से 22 अप्रैल तक छह संगठनात्मक क्षेत्रों में कार्यशालाएं होंगी।
23 और 24 अप्रैल को जिला और महानगर स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
संगठनात्मक ढांचा
अभियान को सफल बनाने के लिए हर स्तर पर टीमें बनाई गई हैं:
क्षेत्रीय स्तर: एक संयोजक और एक सह संयोजक की नियुक्ति की गई है।
जिला स्तर: एक प्रभारी और दो से तीन सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जिनमें एक सदस्य अल्पसंख्यक मोर्चा से होगा।
मंडल स्तर: एक प्रभारी और दो सह प्रभारी की समितियां गठित की जाएंगी।
संचार माध्यम और सोशल मीडिया की भूमिका
अभियान के दौरान भाजपा पारंपरिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी भरपूर इस्तेमाल करेगी। मुस्लिम समाज के बीच मौजूद प्रभावशाली लोगों, जैसे मदरसा संचालक, धार्मिक गुरू, शिक्षक, और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के जरिए जागरूकता फैलाई जाएगी।
मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी
भाजपा इस अभियान में मुस्लिम महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित करेगी। महिला कार्यकर्ता मुस्लिम समाज की महिलाओं के बीच जाकर संवाद करेंगी और बताएंगी कि वक्फ संशोधन कानून किस प्रकार से समाज के हर तबके के लिए फायदेमंद है।
सांसद-विधायकों की भागीदारी
अभियान के तहत भाजपा के सांसद और विधायक मुस्लिम समाज के प्रतिष्ठित और प्रभावशाली व्यक्तियों से संवाद करेंगे। वे वक्फ कानून में हुए बदलावों की विशेषताएं समझाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” नीति को दोहराते हुए यह संदेश देंगे कि भाजपा सभी समुदायों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मदरसों और युवाओं से संवाद
एक खास रणनीति के तहत भाजपा मदरसों में जाकर छात्रों से संवाद करेगी। इन सत्रों के जरिए उन्हें वक्फ कानून के उद्देश्यों, लाभों और पूर्व सरकारों द्वारा किए गए दुरुपयोग के बारे में बताया जाएगा।भाजपा का उद्देश्य इस अभियान के जरिए केवल कानून के बारे में जानकारी देना नहीं है, बल्कि मुस्लिम समाज के बीच यह संदेश भी देना है कि भाजपा की नीतियां समावेशी हैं और सभी समुदायों के विकास के लिए कार्य कर रही हैं। पार्टी इसभाजपा का “वक्फ सुधार जनजागरण अभियान”: विपक्ष के भ्रमजाल को तोड़ने की रणनीति से कैसे निपटता है।