दिल्ली में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी का शपथ ग्रहण, हर वर्ग को जोड़ने की खास रणनीति!

दिल्ली में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी का शपथ ग्रहण, हर वर्ग को जोड़ने की खास रणनीति!

दिल्ली में बीजेपी 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है. वो इस मौके को ऐतिहासिक बनाना चाहती है, जिसके लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बीजेपी के सत्ता वनवास समाप्ति का जश्न रामलीला मैदान में होगा. गुरुवार दोपहर साढ़े 12 बजे दिल्ली सरकार के शपथ ग्रहण का समारोह रखा गया है, जिसकी जबरदस्त तैयारी चल रही है. इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के साथ-साथ बीजेपी ने शक्ति प्रदर्शन कर सियासी संदेश देने की स्ट्रेटेजी बनाई है, जिसके लिए किसानों से लेकर साधू-संत और लाभर्थी तक को बुलाया गया है.

दिल्ली की सत्ता में वापसी के बाद बीजेपी फर्स्ट डे और फर्स्ट शो को यादगार बना देना चाहती है. इसीलिए दिल्ली शपथ ग्रहण के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्री को बुलाया गया है. बीजेपी के महासचिवों विनोद तावड़े और तरुण चुग को शपथ ग्रहण समारोह का जिम्मा दिया गया है. शपथ ग्रहण के लिए तीन अलग-अलग मंच बनाए जा रहे हैं. इस तरह बीजेपी सरकार दिल्ली में पहले ही दिन से अपनी छाप छोड़ना चाहती है, जिसके लिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम को भव्य तरीके से मनाने की रणनीति बनाई है.

एनडीए की एकजुटता का देगी संदेश
बीजेपी ने दिल्ली सरकार के शपथ ग्रहण में बीजेपी शासित राज्यों के साथ-साथ एनडीए के घटकदलों के मुख्यमंत्री को बुलाया गया है. इसके लिए रामलीला मैदान में तीन मंच बनाए जा रहे हैं, जिसमें एक मंच पर पीएम मोदी, दिल्ली के उपराज्यपाल, नवनियुक्त सीएम और कैबिनेट में शामिल होने वाले नेता रहेंगे. इसके अलावा दूसरे मंच पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री होंगे.इसके अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भी शिरकत करेंगे. इस तरह से बीजेपी ने शपथ ग्रहण आयोजन के जरिए एनडीए की एकजुटका का संदेश देने की स्ट्रैटेजी बनाई है, जिसके लिए शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी ही नहीं एनडीए के घटक दलों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को बुलाया गया है.

शपथ ग्रहण में साधू-संत के लिए मंच
दिल्ली के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी ने एक मंच पर सम्मानित अतिथि और साधु-संतों को बैठाने की रणनीति बनाई है. कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री, योग गुरु बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद समेत तमाम साधु-संतों को आमंत्रित किया जाएगा. इस तरह बीजेपी ने साधू-संतों को शपथ ग्रहण में बुलाकर सियासी संदेश देने का प्लान है. इसके पीछे बीजेपी की रणनीति दिल्ली की सियासत में हिंदुत्व के एजेंडे को सेट करने की है ताकि, मजबूत पकड़ बनाई जा सके.चुनाव से पूर्व आम आदमी पार्टी ने सॉफ्ट हिंदुत्व पर दांव खेलते हुए सनातन सेवा समिति का गठन किया. इसके तहत पुजारियों और ग्रंथियों को प्रति माह 18 हजार रुपये देने की योजना बनाई गई थी. केजरीवाल की तरफ बुजुर्गों को धार्मिक स्थलों की मुफ्त यात्रा की पेशकश की गई और अब जब बीजेपी सत्ता में लौटी है तो आम आदमी पार्टी के हिंदुत्व के एजेंडे को काउंटर करने का दांव चला है.

शपथ ग्रहण में किसान से लाभार्थी तक
बीजेपी ने शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के किसानों और लाभार्थियों को भी बुलाने की स्ट्रेटेजी बनाई है. इसके साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को भी बुलाया गया है. पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को भी नहीं भूली है. इसके अलावा बीजेपी ने लाडली बहना योजना के लाभार्थी महिलाओं को भी शपथ ग्रहण में बुलाया है. इस बार बीजेपी ने दिल्ली में महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है.महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बीजेपी लाडली बहना योजना चला रही है, जिसका लाभ चुनाव में मिला है. इसके चलते ही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में महिलाओं को 2100 रुपये हर महीने का दांव चला था, जिसके जबाव में बीजेपी ने हर महीने 2500 रुपये का वादा किया था.

दिल्ली में बीजेपी की जीत में महिला वोटरों की अहम रोल रहा था. महिलाओं ने बड़ी संख्या में बीजेपी के पक्ष में वोटिंग की है. इसके अलावा दिल्ली के ग्रामीण इलाके में भी बीजेपी बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रही है. ऐसे में बीजेपी ने शपथ ग्रहण समारोह में लाडली बहना योजना के लाभार्थियों के साथ-साथ किसानों और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बुलाकर सियासी संदेश देने की रणनीति बनाई है. इसके अलावा दिल्ली चुनाव में प्रचार करने वाले अन्य राज्यों के बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया है.

शपथ ग्रहण को यादगार बनाने का प्लान
दिल्ली में बीजेपी 27 साल के बाद सत्ता में लौटी है. दिल्ली में पहली बार 1993 में विधानसभा चुनाव हुए थे तो बीजेपी जीत दर्ज करने में सफल रही. 1998 में चुनाव हारने के बाद बीजेपी 27 सालों तक सत्ता का वनवास झेलती रही. केंद्र में बीजेपी 2014 और 2019 में सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन दिल्ली के चुनाव जीतने से महरूम रही थी. बीजेपी अब जब दिल्ली की सत्ता में लंबे अरसे के बाद लौटी है तो उसे यादगार बनाना चाहती है. इसीलिए रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. रामलीला मैदान को पूरी तरह लाल कार्पेट से बिछाया जा रहा है.बीजेपी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले गीत-संगीत का रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें गायक कैलाश खेर की प्रस्तुति भी होगी. साथ ही इस भव्य आयोजन में 50 से ज्यादा फिल्मी सितारे भी मौजूद रहेंगे.साथ ही प्रसिद्ध उद्योगपतियों को भी आमंत्रित किया गया, जिसमें मुकेश अंबानी, गौतम अडानी जैसे उद्योगपतियों के नाम शामिल हैं. इसके बड़े देशों के डिप्लोमैट्स और फिल्मी सितारे भी मौजूद रहेंगे. बीजेपी ने कुछ खिलाड़ियों को भी आमंत्रित किया है. इस तरह से बीजेपी दिल्ली सरकार के शपथ ग्रहण के जश्न को यादगार बनाना चाहती है.

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