अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश में अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई चर्चा में है। स्वास्थ्य विभाग के उन प्रभावशाली लोगों पर, जिनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत पहले नहीं जुट पाई थी, एक महिला IAS अधिकारी ने कड़ा कदम उठाकर सनसनी फैला दी है। अथर्व स्कैन एंड लैब प्राइवेट लिमिटेड, जिसका नेटवर्क प्रदेश के चार जिलों में फैला है, पर कार्रवाई हुई है। आइए जानते हैं कि इस सेंटर के पीछे कौन हैं और इनका नेटवर्क कहां-कहां है।जिला मुख्यालय से टांडा रोड पर एसपी आवास के पास स्थित अथर्व स्कैन एंड लैब प्राइवेट लिमिटेड में पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच की सुविधा उपलब्ध है। अकबरपुर की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट IAS अधिकारी प्रतीक्षा सिंह ने इस सेंटर पर छापा मारकर कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान प्रतीक्षा सिंह दो घंटे तक सेंटर पर मौजूद रहीं, लेकिन मैनेजमेंट ने कोई सहयोग नहीं किया। जांच के दौरान सेंटर के सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ की गई।
जांच में पता चला कि सेंटर पर अल्ट्रासाउंड जांच चल रही थी, लेकिन जांच करने वाला डॉक्टर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं था। इसके अलावा, सेंटर पर न तो किसी डॉक्टर का नाम प्रदर्शित था और न ही उनकी डिग्री का कोई उल्लेख था।जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला के निर्देश पर जिले के स्कैन सेंटरों की जांच तेज कर दी गई है। शुक्रवार को दिशा पैथोलॉजी सेंटर की भी जांच की गई। प्रशासन की इस सख्ती से अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों में हड़कंप मच गया है। कई सेंटरों ने अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं। अथर्व स्कैन एंड लैब प्राइवेट लिमिटेड को प्रशासन ने छापेमारी के बाद सील कर दिया।स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, डॉ. अतुल कुमार गुप्ता एक रेडियोलॉजिस्ट हैं और आजमगढ़ के निवासी हैं। उनके अथर्व नाम से आजमगढ़, मऊ, लखनऊ और अंबेडकरनगर में स्कैन सेंटर संचालित हैं। ये सेंटर अलग-अलग डॉक्टरों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं।प्रशासन की इस कार्रवाई ने अवैध रूप से संचालित होने वाले स्कैन सेंटरों पर नकेल कसने का संदेश दिया है।