आरओ-एआरओ पेपर लीक प्रकरण में एक साल से वांछित एक लाख के इनामी को मंगलवार को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी आयुष पांडेय कौशाम्बी के मंझनपुर से पकड़ा गया। 2024 में मंझनपुर थाने में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में पुलिस को उसकी तलाश थी। गैंगस्टर के मामले में इससे पहले 18 आरोपी पकड़े जा चुके हैं।आरोपी आयुष मऊ जिले के रानीपुर थानाक्षेत्र के बभनपुरा का रहने वाला है। उसे करवरिया सुगर मिल के सामने मंझनपुर से रात 01:15 पर गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ अफसरों का कहना है कि वांछित पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिए जाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं। इस संबंध में डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ल के नेतृत्व में लगी टीम को आरोपी के बारे में सूचना मिली थी। पता चला था कि वह कहीं जाने वाला है।
एसटीएफ के मुताबिक आयुष ने पूछताछ में बताया कि प्रयागराज में कोचिंग पढ़ाने के दौरान वह एक अन्य कोचिंग में पढ़ाने वाले नवीन सिंह के संपर्क में आया। वह आरओ/एआरओ की परीक्षा की तैयारी करवाते थे। नवीन ने वर्ष 2022 में आरओ/एआरओ की परीक्षा का पेपर उसे भेजा। यह पेपर नवीन को अरुण सिंह नामक व्यक्ति ने भेजा था।बाद में यह प्रश्नपत्र अभ्यर्थियों को उसने पांच-पांच लाख रुपये लेकर दिए। उसने अपने कई जानने वालों और तैयारी करने वाले अन्य अभ्यार्थियों को पेपर बेचा था। इस मामले में मंझनपुर थाने में अभियोग पंजीकृत हुआ था। पिछले साल गैंगस्टर का मुकदमा भी दर्ज हुआ। इसमें उस पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।
सिविल लाइंस में दर्ज मुकदमे में भी आरोपी
आरओ-एआरओ पेपर लीक प्रकरण में लोकसेवा आयोग की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में भी आयुष आरोपी है। मार्च 2024 में यह मुकदमा आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से दर्ज कराया गया था। 11 फरवरी 2024 को परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में यह कार्रवाई की गई थी।