ऑपरेशन सिंदूर के असर से बदले विदेशी रुख, भारत ने मांगी स्थायी सांसदीय कूटनीति

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद विभिन्न देशों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए इसे स्थायी रूप दिया जा सकता है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भोजन के दौरान प्रतिनिधिमंडल की ओर से इसका सुझाव दिया गया।प्रधानमंत्री की ओर से सकारात्मक संकेत को देखते हुए जल्द ही इसे अमली जामा पहनाये जाने की उम्मीद है। ध्यान देने की बात है कि सरकार की ओर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यूरोप, अमेरिका समेत कई देशों में भेजे गए थे।

भोजन के दौरान साझा किए अनुभव उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के साथ भोजन के दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि किस तरह से विदेश में उनकी बात ध्यान से सुनी गई। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल को न सिर्फ अपनी बात कहने का मौका मिला, बल्कि विभिन्न मुद्दों पर भारत के रूख को लेकर कई सवाल भी पूछे गए, जिनका सदस्यों ने जवाब देकर उन्हें संतुष्ट भी किया। उनका कहना था कि दुनिया के विभिन्न देशों से सांसदों के स्तर पर संपर्क और बातचीत का स्थायी स्वरूप तैयार किया जाना चाहिए। सदस्यों के अनुसार इसके लिए सभी दलों के सांसदों को मिलाकर कमेटी बनाई जा सकती है, जो दूसरे देशों के सांसदों के साथ विभिन्न तात्कालिक ज्वलंत मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान कर सकें।ध्यान रहे कि वैश्विक स्तर पर नैरेटिव के लिहाज से ऐसी कमेटी महत्वपूर्ण हो सकती है। बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों की ओर आए इस सुझाव की सराहना की और जल्द ही इस दिशा में कदम उठाने का भरोसा भी दिया।

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