पंकज श्रीवास्तव,स्वतंत्र विश्लेषक
भगोड़ा घोषित किये जा चुके शराब कारोबारी विजय माल्या एक बार फिर चर्चा में हैं। विजय माल्या ने एक पॉडकास्ट के ज़रिए कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा है। जिसमें आईपीएल की नयी सिरमौर बनी टीम रॉयल चौलेंजर्स की स्थापना से लेकर बैंकों का हज़ारों करोड़ हज़म करने की सफ़ाई दी गयी है। माल्या ने फिर कहा है कि भारत से बाहर जाने के पहले वे तत्कालीन अरुण जेटली से मिले थे और उन्हें पूरी जानकारी दी थी। अगर उन्हें इंसाफ़ का भरोसा दिया जाये तो वे भारत आने को तैयार हैं। सवाल ये है कि यह इंटरव्यू ‘छवि निर्माण’ के मक़सद से दिया गया है या इसमें कुछ सच्चाई भी है?
आरसीबी को बधाई4 जून 2025 को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चौलेंजर्स ने आईपीएल 2025 का फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया। पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर आरसीबी ने पहली बार ट्रॉफी अपने नाम की। हालांकि, उसी शाम जश्न के दौरान भगदड़ में 11 लोगों की मौत ने इस जीत को राष्ट्रीय शोक का विषय बना दिया। आईपीएल की शुरुआत 18 अप्रैल 2008 को इसी स्टेडियम में एक धमाकेदार उद्घाटन के साथ हुई थी। आरसीबी 2008 से 2024 तक तीन बार फाइनल में पहुंची, लेकिन कभी खिताब नहीं जीत सकी। चौथी बार, 2025 में, टीम को कामयाबी मिली। इस जीत के बाद बधाइयों का सिलसिला शुरू हुआ, और अचानक विजय माल्या की बधाई ने सबका ध्यान खींचा। लंदन में बैठे माल्या ने एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने याद दिलाया कि कैसे 2007 में उन्होंने रॉयल चौलेंजर्स की नींव रखी थी। 18 साल बाद उनका सपना पूरा हुआ। उन्होंने ख़ुशी जतायी कि उन्होंने विराट कोहली को टीम में चुना था जो आज भी रॉयल चौलैंजर्स के साथ हैं।
विजय विट्ठल माल्या का जन्म 18 दिसंबर 1955 को कोलकाता में हुआ। उनके पिता विट्ठल माल्या, ‘यूनाइटेड ब्रुअरीज’ के मालिक थे, जो शराब के कारोबार में बड़ा नाम था। विजय का बचपन ऐशो-आराम में बीता। कोलकाता के ला मार्टिनियर स्कूल और सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई के बाद उन्होंने अमेरिका में इंटर्नशिप की। 1983 में, 28 साल की उम्र में, पिता की मृत्यु के बाद उन्हें यूनाइटेड ब्रुअरीज की कमान संभालनी पड़ी। माल्या ने यूनाइटेड ब्रुअरीज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। किंगफिशर बीयर को भारत का सबसे लोकप्रिय ब्रांड बनाया और वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी शानदार जीवनशैलीकृनिजी जेट, यॉट, और बॉलीवुड सितारों से दोस्तीकृने उन्हें ष्किंग ऑफ गुड टाइम्सष् का खिताब दिलाया। 2008 में फोर्ब्स की लिस्ट में वह भारत के 42वें सबसे अमीर शख्स थे, जिनकी संपत्ति करीब 72 अरब रुपये थी।विजय माल्या की दो चीजें खास चर्चा में रहीं। किंगफिशर कैलेंडर और किंगफिशर एयरलाइंस। बॉलीवुड अभिनेत्रियों और मॉडल्स की बोल्ड तस्वीरों वाला किंगफिशर कैलेंडर हर साल ग्लैमर की दुनिया में तहलका मचाता था और स्टेटस सिंबल बन गया था। दूसरी ओर, 2005 में माल्या ने अपने बेटे सिद्धार्थ के 18वें जन्मदिन पर किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की। फर्स्ट-क्लास सर्विस, लग्जरी सीट्स और इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट के साथ इसने शुरुआत में ही सबका दिल जीत लिया,लेकिन यहीं से कहानी में ट्विस्ट आया। 2007 में माल्या ने लो-कॉस्ट एयरलाइंस एयर डेक्कन को 1200 करोड़ रुपये में खरीदा, लेकिन किंगफिशर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी। 2010 में कंपनी को 1647 करोड़ का घाटा हुआ, और 2011 तक कर्ज 7900 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कर्मचारियों की सैलरी रुकी, हड़तालें शुरू हुईं, और 2012 में किंगफिशर का लाइसेंस निलंबित हो गया। माल्या पर 17 बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपये का कर्ज था।
माल्या ने कर्ज के पैसे को फोर्स इंडिया फॉर्मूला-1 टीम और विदेशी संपत्तियों में निवेश किया। 2007 में आईपीएल शुरू होने के दौरान उन्होंने रॉयल चौलेंजर्स बेंगलुरु टीम खरीदी, ताकि अपने ब्रांड को बढ़ावा दे सकें। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, 2008-2016 के बीच उन्होंने यूके और फ्रांस में 330 करोड़ की संपत्तियां खरीदीं, जबकि उनकी कंपनी नकदी संकट से जूझ रही थी। विजय माल्या का रसूख ऐसा था कि 2002 में वह कर्नाटक से निर्दलीय राज्यसभा सदस्य बने, जिसमें कांग्रेस और जनता दल (एस) का समर्थन मिला। 2010 में बीजेपी के अतिरिक्त वोटों से वह दोबारा चुने गए। लेकिन 2 मार्च 2016 को कहानी में सबसे बड़ा ट्विस्ट आया, जब माल्या जेट एयरवेज की फ्लाइट से दिल्ली से लंदन भाग गए। माल्या ने दावा किया कि भागने से पहले उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से संसद भवन में मुलाकात की और लंदन जाने की जानकारी दी। उन्होंने बैंकों के साथ सेटलमेंट की पेशकश की थी, लेकिन जेटली ने उन्हें बैंकों से बात करने को कहा।विपक्ष, खासकर कांग्रेस, ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने माल्या को भागने में मदद की। सरकार का कहना है कि उसने माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन से लगातार बात की। 2016 में उनका पासपोर्ट रद्द हुआ, और 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के लिए 4 महीने की सजा सुनाई। लेकिन विपक्ष सरकार पर नाकामी का आरोप लगाता है।लंदन भागने के बाद माल्या को भारत ने भगोड़ा घोषित किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और बैंकों ने उनकी 14,131 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की, जो उनके 6203 करोड़ के कर्ज से दोगुनी थी। 2021 तक 9371 करोड़ रुपये बैंकों को सौंपे गए। 2018 में यूके की अदालत ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दी, लेकिन कानूनी अपीलों ने प्रक्रिया को लंबा खींच दिया। 2020 में उनकी आखिरी अपील खारिज हुई, लेकिन 2025 तक भी वह लंदन में हैं।
2024 और 2025 में माल्या ने एक्स पर कई पोस्ट किए। 18 दिसंबर 2024 को उन्होंने लिखा, ष्मेरे ऊपर 6203 करोड़ का कर्ज था, जिसमें 1200 करोड़ ब्याज था। लेकिन ईडी और बैंकों ने 14,131 करोड़ वसूल लिए। फिर भी मुझे आर्थिक अपराधी क्यों माना जा रहा है?ष् हाल ही में यूट्यूबर राज शमानी को दिए पॉडकास्ट इंटरव्यू में माल्या ने कई दावे किए। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने अरुण जेटली को लंदन जाने की जानकारी दी और सेटलमेंट की पेशकश की थी। माल्या 1988 से ब्रिटेन में हैं और 1992 में उन्हें इनडेफिनिट लीव टू रिमेन (आईएलआर) मिला, जिसके तहत वह वहाँ रह और काम कर सकते हैं। भारत वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा, ष्अगर मुझे फेयर ट्रायल और सम्मानपूर्वक रहने का भरोसा दिया जाए, तो मैं इसके बारे में गंभीरता से सोचूंगा। लेकिन कुछ अन्य लोगों को भी भारत सरकार ब्रिटेन से प्रत्यर्पण के लिए टारगेट कर रही है।साफ़ है कि माल्या को भरोसा नहीं कि उनके साथ इंसाफ होगा। वह ईडी और अन्य एजेंसियों पर सवाल उठाते हैं, जिन पर बिना सबूत परेशान करने के आरोप लगे हैं। लेकिन असल सच्चाई तब सामने आएगी, जब वह भारत लौटकर अदालत का सामना करेंगे। वरना यही माना जाएगा कि पॉडकास्ट और पोस्ट्स के जरिए वह सिर्फ छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। विजय माल्या की कहानी ग्लैमर, महत्वाकांक्षा और विवादों का मिश्रण है। खैर, शोहरत की बुलंदियों पर अंधा न होने का सबक देती यह कहानी अभी अधूरी है।