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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के तेजतर्रार सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने एलान किया है कि आज रात पूरा देश ब्लैकआउट में डूबेगा — विरोध के स्वर में, असहमति की रोशनी बंद कर दी जाएगी।
ओवैसी ने बुधवार को घोषणा की कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में 30 अप्रैल को रात 9 बजे से 9:15 तक देशभर में घरों और दुकानों की लाइट बंद रखी जाएगी, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सख्त संदेश दिया जा सके — “यह अधिनियम हमारे मौलिक अधिकारों पर सीधा हमला है!”
उन्होंने जनता से जोश के साथ अपील की, “अपने घरों की रोशनी बुझाइए, अपनी आवाज़ उठाइए! यह केवल विरोध नहीं, यह चेतावनी है – हम चुप नहीं बैठेंगे!”
यह तीखा बयान उस वक्त आया जब सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली 13 नई याचिकाओं को सुनने से मना कर दिया। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने दो टूक कहा, “अब और याचिकाएं नहीं लेंगे, इनकी बाढ़ आ गई है। कोर्ट इन्हें संभाल नहीं सकता।”
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने गुहार लगाई कि उनकी याचिकाओं को भी मौजूदा मामलों के साथ जोड़ा जाए, लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया कि 17 अप्रैल को चुनी गई केवल 5 याचिकाओं पर ही अब सुनवाई होगी। बाकी को दरकिनार कर दिया गया है।
28 अप्रैल को भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की एक नई याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि वह “हर तरफ से आती याचिकाओं का अंबार नहीं उठा सकता।” कोर्ट ने याचिकाकर्ता सैयद अली अकबर के वकील को निर्देश दिया कि वे लंबित पांच मामलों में हस्तक्षेप याचिका दायर करें, जिनकी सुनवाई 5 मई को तय है।
अब सवाल सिर्फ कानून का नहीं है – यह लड़ाई अस्मिता की है, अधिकारों की है, और ओवैसी के नेतृत्व में विरोध की यह लहर अब बिजली की तरह फैलने को तैयार है।