पहलगाम में आतंक के अड्डे का खात्मा – सुरक्षाबलों ने आतंकी ठिकाने को किया जमींदोज

समाचार मंच प्रतिनिधि

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में भारतीय सुरक्षाबलों ने एक और बड़ा ऑपरेशन अंजाम देकर आतंकवाद के पांव उखाड़ने की दिशा में निर्णायक कदम उठाया है। खुफिया जानकारी के आधार पर की गई सटीक कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के सुरक्षित ठिकाने को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। यह कार्रवाई न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि आतंक के सौदागरों के लिए यह सीधा संदेश है – अब कोई कोना महफूज़ नहीं!

सुरक्षाबलों की रणनीति बनी काल बनकर टूटी

सटीक खुफिया इनपुट मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने पहलगाम के एक घने इलाके में स्थित घर को घेर लिया, जिसे आतंकी लंबे समय से बतौर बंकर इस्तेमाल कर रहे थे। घर को अंदर से फायरिंग और बारूदी सुरंगों से लैस किया गया था, जिससे सुरक्षाबलों को भारी सतर्कता के साथ आगे बढ़ना पड़ा। लेकिन भारतीय जवानों ने न केवल आतंकियों की चालों को नाकाम किया, बल्कि जवाबी कार्रवाई में पूरे घर को धराशायी कर दिया। इस कार्रवाई में दो आतंकी मार गिराए गए, जिनकी पहचान लश्कर-ए-तैयबा के स्थानीय कमांडर और पाकिस्तानी प्रशिक्षित आतंकी के रूप में हुई है।

घर नहीं था, आतंक का कारखाना था

जिस मकान को सुरक्षाबलों ने ध्वस्त किया, वह एक आम घर की शक्ल में छिपा हुआ मौत का अड्डा था। वहां से भारी मात्रा में गोला-बारूद, एके-47 राइफल, IED बनाने की सामग्री, पाकिस्तानी मूल के दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद हुए हैं। यह साफ इशारा करता है कि यह मकान सिर्फ छिपने की जगह नहीं, बल्कि आतंक की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का केंद्र बन चुका था।

स्थानीय मददगारों की होगी तलाश

जांच एजेंसियां अब उस नेटवर्क की भी पड़ताल में जुट गई हैं जो इन आतंकियों को स्थानीय स्तर पर रसद, शरण और तकनीकी सहायता दे रहा था। सुरक्षाबलों का साफ कहना है कि जो कोई भी आतंकियों की मदद करेगा, वह कानून से नहीं बच पाएगा। ऑपरेशन के बाद गांव के कुछ संदिग्ध युवकों से पूछताछ जारी है और कई को हिरासत में लिया गया है।

अब नहीं चलेगा “ह्यूमन शील्ड” का ढोंग

इस ऑपरेशन ने एक बार फिर उस झूठे नैरेटिव को ध्वस्त किया है जो आतंकियों को “मासूम नौजवान” कहकर बचाने की कोशिश करता है। जिस घर में आतंकियों ने शरण ली थी, वह किसी मजबूर का नहीं, बल्कि कट्टरपंथी सोच रखने वाले व्यक्ति का था, जिसने अपने मकान को खुद ही जंग का अड्डा बना दिया था। अब घाटी में कोई भी आतंकी समर्थक यह उम्मीद न रखे कि उसे छिपने की जगह मिलेगी या वह कानून से बच निकलेगा।

सेना का स्पष्ट संदेश – अब बख्शा नहीं जाएगा

इस ऑपरेशन के बाद सेना के प्रवक्ता ने दो टूक कहा, “जो भी भारत की सरज़मीन पर हथियार उठाएगा, उसका अंजाम यही होगा। अब कोई रहम नहीं, कोई छूट नहीं। आतंकियों के साथ-साथ उनके मददगार भी हमारी हिट लिस्ट में हैं।”

स्थानीय जनता का बढ़ता भरोसा

पहलगाम और आसपास के इलाकों में इस ऑपरेशन के बाद आम लोगों ने राहत की सांस ली है। स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें अब विश्वास है कि सुरक्षाबल आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। युवाओं में भी यह संदेश गया है कि बंदूक की राह केवल मौत और बर्बादी की ओर ले जाती है।

नतीजा – आतंक का एक और गढ़ माटी में मिला

साफ है कि यह ऑपरेशन सिर्फ एक घर को गिराने का मामला नहीं था। यह आतंक के मनोबल को तोड़ने, उसे जड़ से उखाड़ फेंकने और आम नागरिकों को भरोसा दिलाने का ऐलान है कि भारत अब न सिर्फ बचाव में है, बल्कि हमलावर भूमिका में है। अब हर गोली का जवाब गोली से मिलेगा, और हर आतंकी ठिकाना जमींदोज कर दिया जाएगा।

देश बोले- “सैल्यूट टू इंडियन आर्मी!”

इस कार्रवाई ने फिर साबित कर दिया है कि भारतीय सेना जब कमर कसती है, तो दुश्मन के पांव उखड़ जाते हैं। पहलगाम की इस गूंज ने आतंक के आकाों को चेतावनी दे दी है – अब वक़्त खत्म हो चला है। अब हर हमला उनका आखिरी हमला होगा।

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