अजय कुमार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार की दोपहर आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया जिसमें दो विदेशी पर्यटकों समेत अब तक 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने लश्कर- ए-तैयबा के हिट स्क्वॉड द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। आतंकी हमले के बाद सरकार एक्शन में है। प्रधानमंत्री,गृह और रक्षा मंत्री सहित खुफिया एजेंसियां सभी सक्रिय हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज पहलगाम में घटनास्थल का जायजा लिया। वहीं पीएम मोदी भी जो सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़कर भारत लौट आए थे। वह भी संभावना है कि वह आज जम्मू-कश्मीर जाएं। अमित शाह ने आतंकी वारदात को लेकर कहा कि इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देंगे। शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि भारी मन से पहलगाम आतंकवादी हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकवादी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत और शांत माने जाने वाले पर्यटक स्थल पहलगाम में मंगलवार की दोपहर इस दर्दनाक और जघन्य आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। मंगलवार की दोपहर करीब 2 बजे, जब पहलगाम घाटी में पर्यटक स्थानीय बाजार और पहाड़ियों की सैर कर रहे थे, तभी आतंकियों ने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। हमला पूरी तरह से सुनियोजित था, जिसमें आम नागरिकों को निशाना बनाया गया। हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल को घेर लिया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला कश्मीर की छवि खराब करने और यहां की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने के मकसद से किया गया है, क्योंकि पर्यटन कश्मीर की प्रमुख आय का स्रोत है।जैसे ही इस हमले की खबर सामने आई, केंद्र सरकार हरकत में आ गई। गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत पहलगाम पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की।
गृह मंत्री ने कहा, इस नृशंस आतंकवादी हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा बीच में ही छोड़ दी और भारत लौट आए। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री आज खुद जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं। वह वहां पीड़ितों के परिजनों से मिल सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियों से सीधे बातचीत कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, देश अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। किसी भी आतंकी संगठन को भारत की शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।उधर,गृह मंत्री ने सुरक्षा बलों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी), आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमें इस हमले की जांच में जुट गई हैं। सुरक्षा बलों ने पहलगाम और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। ड्रोन और अन्य निगरानी उपकरणों की मदद से पूरे क्षेत्र को स्कैन किया जा रहा है ताकि हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने हमले की निंदा की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, इस क्रूर हमले से मन बहुत व्यथित है। हम सभी देशवासियों को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़ा होना होगा। वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, पर्यटकों पर हमला कश्मीर के खिलाफ है। यह हमारी संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं और दोषियों को कड़ी सजा की मांग करते हैं।
बहरहाल, इस हमले ने घाटी में 1990 के दशक की हिंसा की यादें ताजा कर दी हैं, जब आतंकवाद अपने चरम पर था। हाल के वर्षों में जब कश्मीर धीरे-धीरे पर्यटन और सामान्य जीवन की ओर लौट रहा था, तब इस प्रकार का हमला पूरे क्षेत्र की स्थिरता को चुनौती देता है।हालांकि सरकार द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों से यह संकेत साफ है कि इस बार सरकार किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगी।
कुल मिलाकर पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि आतंकवाद अब भी एक गंभीर खतरा बना हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया, सुरक्षा बलों की सक्रियता और देश की जनता का एकजुट समर्थन यह साबित करता है कि भारत आतंक के खिलाफ लड़ाई में पीछे हटने वाला नहीं है। देखना यह है कि इस हमले के दोषियों को कितनी जल्दी पकड़कर न्याय दिलाया जाता है और आने वाले दिनों में सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है।