वक्फ बोर्ड की अवैध सम्पति को वापस लेने को योगी सरकार एक्शन में

 

अजय कुमार,लखनऊ

उधर लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पास हुआ और इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गये हैं। योगी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने जिले की उन सरकारी सम्पतियों का पता लगायें जिस पर वक्फ बोर्ड या और किसी का अवैध कब्जा है। इसके साथ ही सरकार ने सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि वे अभियान चलाकर ऐसी वक्फ संपत्तियों की पहचान करें जो रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है और जिन्हें नियमों को नजरअंदाज कर वक्फ घोषित किया गया है। इन संपत्तियों की पहचान करके इन्हें जब्त किया जाएगा।
गौरतलब हो, यूपी में वक्फ बोर्ड की तरफ से जिन संपत्तियों का दावा किया गया है। उनमें से ज्यादातर का कोई भी सरकारी रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड की केवल 2500 से ज्यादा संपत्तियां दर्ज हैं। वहीं शिया वक्फ बोर्ड की 430 प्रॉपर्टी ही रजिस्टर हैं। वहीं वक्फ बोर्ड के आंकड़े कुछ और कहते हुए नजर आ रहे हैं। वक्फ के मुताबिक यह आंकड़ें कही ज्यादा है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की 1,24,355 प्रॉपर्टी और शिया वक्फ बोर्ड की 7,785 संपत्तियां हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व से जुड़े कुछ अधिकारियों और अन्य जानकारों का कहना है कि वक्फ बोर्ड द्वारा बड़े स्तर पर तालाब, खलिहान और ग्राम समाज की जमीनों को अपनी सम्पति घोषित कर दिया गया है। सरकार वक्फ बोर्ड के इस फैसले को इसे पूरी तरह अवैध माना गया है। अधिकारियों का कहना है कि केवल वे ही संपत्तियां वक्फ की मानी जाएंगी जो साफतौर पर दान की गई हों,जिसके कागज मौजूद होंगे। सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है कि अवैध तरीके से घोषित की गई हर एक प्रॉपर्टी पर कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी। वहीं दोषियों पर भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक जनसभा में कहा कि वक्फ के नाम पर उन्होंने प्रयागराज और अन्य शहरों में भी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी। जब हम महाकुंभ का आयोजन कर रहे थे, तो वक्फ बोर्ड मनमाने ढंग से बयान दे रहा था कि प्रयागराज में कुंभ की जमीन भी वक्फ की जमीन है। क्या यह वक्फ बोर्ड है या भूमाफिया बोर्ड। आदित्यनाथ ने आगे कहा, ‘राज्य में भू-माफियाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने पहले ही उत्तर प्रदेश से माफिया का सफाया कर दिया है। अब उत्तर प्रदेश में माफिया नहीं चलेंगे और कानून-व्यवस्था कायम रहेगी।
खैर, योगी आदित्यनाथ कुछ भी कहें लेकिन इस हकीकत को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि स्थानीय जिला प्रशासन वक्फ के तौर पर दर्ज सरकारी संपत्तियों का विस्तृत ब्योरा मुख्यालय को नहीं भेज रहा है। पूरे प्रदेश में यही स्थिति है। इस पर शासन ने सख्त रुख अपनाया है। रिमाइंडर भेजने के बावजूद मामले में तेजी नहीं दिखाई जा रही है। इसलिए अब कार्रवाई की तैयारी है। प्रदेश में कुल 57792 सरकारी संपत्तियां हैं, जो वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में अवैध रूप से वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं। इनका कुल रकबा 11712 एकड़ है।
नियमानुसार, इन संपत्तियों को वक्फ यानी दान किया ही नहीं जा सकता था। ये संपत्तियां करीब-करीब सभी जिलों में हैं। वक्फ के नाम पर सबसे अधिक शाहजहांपुर, रामपुर, अयोध्या, जौनपुर व बरेली में सरकारी संपत्तियां कब्जाई गई हैं। शासन ने जिलों से इन अवैध वक्फ संपत्तियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगते हुए पूछा था कि ये संपत्तियां संबंधित जिले में किस क्षेत्र में स्थित हैं। इनके उपयोग की प्रकृति क्या है। अवैध कब्जेदारों के नाम क्या हैं। साथ ही गलत ढंग से खतौनी में नाम दर्ज करवाने के पीछे किन सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों का हाथ रहा है, जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, शासन द्वारा सूचना मांगे दो माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अब तक प्रतापगढ़ समेत सिर्फ दो जिलों ने ही सूचना भेजी है। पर, इन दोनों जिलों ने सभी सूचनाओं के जवाब में शून्य लिखकर भेज दिया है। यानी उनके यहां इस तरह की कोई संपत्ति ही नहीं है। लेकिन, शासन के पास पुख्ता जानकारी है कि इन दो जिलों से आई सूचना सही नहीं है। इसलिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर भी विचार चल रहा है।

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