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बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे पहले, मायावती ने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी से बाहर कर दिया था। 2 मार्च को लखनऊ में हुई बैठक में मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर पद से हटा दिया था। इस फैसले के अगले ही दिन, यानी 3 मार्च को, आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं। आकाश ने खुद को मायावती और बहुजन समाज का सच्चा सिपाही बताया था, लेकिन इससे मायावती और भी नाराज हो गईं। कुछ घंटों बाद, उन्होंने आकाश को पार्टी से बाहर करने का ऐलान कर दिया।
मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि जब आकाश आनंद को पार्टी की बड़ी जिम्मेदारियों से मुक्त किया गया था, तो उन्हें परिपक्वता और समझदारी दिखानी चाहिए थी। लेकिन इसके बजाय, आकाश ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, जो कि राजनीतिक परिपक्वता की बजाय उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के स्वार्थी और अहंकारी स्वभाव की तरह प्रतीत होती हैं।
बात करें अशोक सिद्धार्थ की तो वह कभी बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख नेता थे और मायावती के करीबी सहयोगी माने जाते थे। मायावती ने आकाश आनंद की शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से करवाई थी। अशोक सिद्धार्थ का मायावती से इतना गहरा संबंध था कि उन्हें मायावती ने राज्यसभा सांसद भी भेजा था और पार्टी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी थीं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज में हुआ था। अशोक सिद्धार्थ के पिता काशीराम के करीबी सहयोगी थे, और खुद भी उन्होंने बसपा का दामन थामा था। कहा जाता है कि मायावती ने ही उन्हें राजनीति में प्रवेश कराया था, और मायावती के कहने पर उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर बसपा जॉइन की थी। इसके बाद, अशोक सिद्धार्थ पार्टी के आंदोलन और संगठन से जुड़े रहे। वे मायावती के भाई आनंद कुमार के भी अच्छे मित्र थे।