बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने रमजान से पहले पाकिस्तान से बड़ा समझौता किया है. इस समझौते के तहत पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 50 हजार टन चावल बेचा है. 1971 के बाद यह पहली बार है, जब बांग्लादेश ने पाकिस्तान से चावल खरीदा है. इन चावलों को अब बांग्लादेश के बाजारों में भेजा जाएगा. बांग्लादेश के इस फैसले ने 54 साल पुरानी दुश्मनी को खत्म कर दिया है. साल 1971 में पाकिस्तान से ही अलग कर बांग्लादेश का गठन किया गया था.कहा जा रहा है कि पाकिस्तान से चावल खरीदने के पीछे रमजान के मौके पर इसके दामों को नियंत्रण करना है. बांग्लादेश की सरकार महंगाई से जूझ रही है. बांग्लादेश में चावल की कीमत वर्तमान में औसतन 75 रुपए प्रति किलो है.
भारत से चावल खरीदी में कमी
आमतौर पर बांग्लादेश भारत से ही चावल खरीदता रहा है. पूरी दुनिया में चावल सबसे ज्यादा भारत में ही होता है. पिछली बार बांग्लादेश ने 2 लाख टन चावल भारत से खरीदा था, लेकिन नई अंतरिम सरकार ने इस बार पाकिस्तान से भी चावल खरीदने का फैसला किया है.यूसुफ सरकार ने इस बार 50 हजार टन चावल भारत से और 50 हजार टन चावल पाकिस्तान से खरीदने का फैसला किया है. भारत से उसे अब तक 16 हजार टन चावल मिल भी गया है. वहीं रमजान से पहले पाकिस्तान का चावल बांग्लादेश भेजा गया है.जियो टीवी के मुताबिक बांग्लादेश ने IRRI-6 चावल बांग्लादेश को भेजा है. यह चावल सफेद और लंबा होता है, जिसका प्रयोग बिरयानी बनाने के लिए भी किया जाता है.इधर, बांग्लादेश से व्यापार शुरू होने से पाकिस्तान की सरकार उत्साहित है. पाकिस्तान ने बांग्लादेशियों के लिए वीजा नियमों में भी छूट दी है.
बांग्लादेश में महंगाई की मार
शेख हसीना की तख्तापलट के बाद भी बांग्लादेश के आम नागरिक महंगाई से जूझ रहे हैं. बांग्लादेश में खजूर का दाम जहां 1500 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है. वहीं चीनी और तेल की कीमत भी आसमान छू रही है. रमजान से पहले कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने एक विशेष प्लान तैयार किया है. इसके तहत बड़े शहरों में बांग्लादेश की सरकार ही सामान बेचेगी, जिससे आम लोगों को महंगाई से राहत मिल सके.